उत्तराखंड: जब शहर की सड़कों का ये हाल है, तो पहाड़ में क्या हाल होगा..जरा सोचिए
स्थानीय लोग सड़क निर्माण में इस्तेमाल हुए सामान की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं, तो वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कोई जवाब देते नहीं बन रहा। आगे पढ़िए पूरी खबर
Aug 4 2021 7:06PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में विकास के नाम पर बन रही सड़कों का बुरा हाल है। कमीशनखोरी के खेल में अक्सर गुणवत्ता की अनदेखी कर दी जाती है। नतीजतन सड़कें बनने से पहले ही उखड़ने लगती हैं, हरिद्वार के रुड़की में भी यही हो रहा है। यहां सुसाड़ा गांव मे रातों-रात घटिया सामग्री से सड़क बना दी गई, जो एक दिन भी नहीं टिक पाई। स्थानीय लोग सड़क निर्माण में इस्तेमाल हुए सामान की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं, तो वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कोई जवाब देते नहीं बन रहा। सुसाड़ा गांव झबरेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहां देवबंद-मंगलौर से जुड़ी 2 किलोमीटर लंबी सड़क बदहाल है। ग्रामीणों के दबाव के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सड़क की मरम्मत का काम तो शुरू कराया, लेकिन ठेकेदार ने गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा। महज खानापूर्ति कर रोड बना दी गई।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड से अपील, 7 महीने की अक्षिता गंभीर बीमारी से जूझ रही है..मदद कीजिए, शेयर कीजिए
रातों रात बनी ये रोड एक दिन भी नहीं टिक सकी। सड़क का हाल आप खुद देख लें, वाहन चलते हैं तो सड़क उखड़ने लगती है। सड़क के निर्माण में विधायक निधि का इस्तेमाल हुआ है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई सालों तक बार-बार जनप्रतिनिधियों से कहने के बाद कहीं जाकर 2 किलोमीटर लंबी रोड बनी है, लेकिन इसकी हालत पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। पैच भरने के नाम पर ठेकेदार ने महज खानापूर्ति कर दी। वहीं ठेकेदार का कहना है कि यह रोड रात में बनाई गई है और इसकी सफाई भी सही तरीके से नहीं हो पाई है। निर्माण कार्य में हुई लापरवाही से ग्रामीणों में विधायक और पीडब्ल्यूडी के प्रति गुस्सा है। उन्होंने कहा कि यह रोड कई गांव को जोड़े हुए है। क्षेत्रवासियों के लिए ये सड़क बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लोगों ने निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग भी की।