शाबाश नीरज: ओलंपिक में किसान के बेटे ने जीता गोल्ड, जानिए इस आर्मी अफसर की कहानी
जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता और 121 साल बाद औलंपिक में भारत को एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल दिलाया.
Aug 7 2021 6:40PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में इतिहास रच दिया है। जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता और 121 साल बाद औलंपिक में भारत को एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल दिलाया। लेकिन आज आपको जानना होगा कि नीरज चोपड़ा किस परिवार से ताल्लुक रखते हैं। हरियाणा के पानीपत जिले के छोटे से किसान के घर जन्मे नीरज एक आर्मी ऑफिसर भी हैं। नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की है उन्होंने 2016 में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में 86.48 मीटर दूर थ्रो किया था। इसके बाद उन्हें भारतीय सेना में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी। सेना में नौकरी मिलने के बाद नीरज ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि ‘मेरे पिता एक किसान हैं और मां ग्रहणी है। मैं एक संयुक्त परिवार में रहता हूं और मेरे परिवार में किसी के पास सरकारी नौकरी नहीं। इसलिए सब मेरे लिए खुश हैं।’ 2018 में इंडोनेशिया में हुए एशियन गेम्स में नीरज ने 88.06 मीटर थ्रो किया था और गोल्ड मेडल जीता था। नीरज पहले भारतीय हैं जिन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता है, वो भी जैवलिन थ्रो में। एशियन गेम्स के इतिहास में भारत को अब तक जैवलिन थ्रो में सिर्फ दो मेडल मिले हैं। नीरज से पहले 1982 में गुरु तेज सिंह ने ब्रोंज मेडल जीता था। नीरज की रिकॉर्ड बुक बहुत ही शानदार रही है। इस साल मार्च में पटियाला में इंडियन ग्रांप्री मैं नीरज ने 88.07 मीटर तक जैवलिन थ्रो किया था और राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था.
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