गढ़वाल: दो अस्पतालों ने गर्भवती को किया रेफर, फार्मासिस्ट ने सूझबूझ से जंगल में कराया प्रसव
फार्मिसिस्ट प्रेरणा ने समाज को दी असली प्रेरणा, दो अस्पतालों द्वारा हाथ खड़े करने के बाद फार्मासिस्ट ने करवाया गर्भवती का बीच जंगलों में सुरक्षित प्रसव,पढ़िए यह सुखद खबर
Aug 10 2021 7:43AM, Writer:अनुष्का
नकारात्मकता से भरे इस दौर में आज हम आपके लिए एक पॉजिटिव खबर लेकर आए हैं। एक ओर जहां तमाम खबरों को पढ़कर दिन-प्रतिदिन इंसानियत पर से भरोसा उठता ही जा रहा है वहीं ऐसी खबरें आशा की किरण बन कर सामने आती हैं और एक बार फिर से इंसानियत पर भरोसा जागृत हो जाता है। उत्तराखंड के चमोली से भी ऐसे ही सकारात्मक खबर सामने आई है। चमोली जिले में एक महिला फार्मासिस्ट ने इंसानियत की जीती-जागती मिसाल पेश की है। कहते हैं किसी इंसान की जान बचाने से बड़ा पुण्य और कुछ नहीं है। महिला फार्मासिस्ट ने एक नहीं बल्कि दो दिलों की धड़कनों को बचाया है। चमोली जिले में एक गर्भवती और उसके अजन्मे शिशु के लिए एक फार्मासिस्ट साक्षात भगवान के रूप में सामने आई। प्रसव पीड़ा होने पर गर्भवती को दो अस्पतालों द्वारा रेफर किए जाने के बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। हालात खराब होने पर दर्द से बिलखती हुई गर्भवती का फार्मेसिस्ट ने पौड़ी के सुनसान जंगलों में कम संसाधनों के साथ सुरक्षित प्रसव करवाया। जच्चा-बच्चा पूर्णतः स्वस्थ हैं। वाकई धन्य हैं ऐसे लोग जिन्होंने अब भी इंसानियत की परिभाषा को संभाल कर रखा हुआ है, जिनके कारण अब भी इंसानियत पर भरोसा टिका हुआ है। जंगलों में खराब मौसम के बीच प्रसव के दर्द से बिलखती स्त्री को कम संसाधनों में प्रसव करवा कर फार्मासिस्ट प्रेरणा ने वाकई अपने नाम का असली अर्थ दुनिया को बताया है।
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चमोली के जौरासी गांव की राखी देवी को 7 अगस्त की सुबह-सुबह प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद उनको स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उनका हिमोग्लोबिन कम बताने के बाद उनको रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल रेफर कर दिया। उनको रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल ले जाया गया मगर वहां रक्त न मिलने के कारण उनको श्रीनगर रेफर किया गया। एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में चक्कर काटने के दौरान राखी देवी की हालत बिगड़ने लगी। 108 एम्बुलेंस में मौजूद फार्मिसिस्ट प्रेरणा ने रास्ता खराब होने के कारण विषम परिस्थितियों में राखी देवी का सुरक्षित प्रसव करवाया। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित और स्वस्थ हैं और सुरक्षित डिलीवरी के बाद राखी देवी के परिजनों ने फार्मिसिस्ट का आभार व्यक्त किया है। उनके परिजनों का कहना है कि जो काम जो अस्पतालों के बड़े-बड़े चिकित्सक नहीं कर पाए वह प्रेरणा ने कर दिखाया है।घटना के बाद से ही यह खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है और हर कोई फार्मासिस्ट प्रेरणा की तारीफ कर रहा है। चलिए आपको पूरे मामले से अवगत कराते हैं। दरअसल चमोली जनपद के विकासखंड नागनाथ पोखरी के जौरासी गांव की राखी देवी गर्भवती थी और 7 अगस्त की सुबह उनको प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इसके बाद बिना देरी किए उनके परिजन उनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी लेकर गए जहां पर डॉक्टरों ने उनकी जांच के बाद बताया कि राखी देवी को हीमोग्लोबिन की कमी है जिस कारण अत्यधिक ब्लड लॉस होने के डर से डिलीवरी करवाना खतरे से खाली नहीं है और उन्होंने महिला को रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
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108 के माध्यम से महिला को रुद्रप्रयाग ले जाया गया जहां पर ब्लड बैंक और अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं मगर डॉक्टरों ने ब्लड उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर प्रसव पीड़िता को श्रीनगर के लिए रेफर कर दिया। दो अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा अलग-अलग जगहों पर रेफर होने के दौरान राखी देवी की हालत बिगड़ती चली गई। रास्ते में श्रीनगर पहुंचने से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर बंद हो रखा था जिस कारण वहां पर आवाजाही में समस्या आ रही थी और दूसरी और राखी की प्रसव पीड़ा बढ़ती ही जा रही थी और उनकी हालत बिगड़ती ही जा रही थी जिसके बाद 108 में तैनात फार्मासिस्ट प्रेरणा देवदूत बनकर सामने आईं और उन्होंने राखी देवी का प्रसव करने का निर्णय लिया प्रेरणा ने वैकल्पिक मार्ग खांखरा-खेड़ाखाल डूंगरीपंत से जाने का निश्चय किया उसके बाद 108 चालक मनोज रावत ने भी उनका कहना मानते हुए तत्काल वाहन को सूझबूझ के साथ दूसरे रास्ते की तरफ आगे बढ़ा दिया और खिरसू से पहले सुनसान जंगल के बीच गाड़ी रुकवा कर फार्मेसिस्ट प्रेरणा ने आत्मविश्वास के साथ प्रसव पीड़ा से तड़प रही राखी देवी का प्रसव करवाया। अल्प संसाधनों में राखी देवी का सुरक्षित प्रसव करवा कर उन्होंने इंसानियत की जीवंत मिसाल पेश की है। राखी देवी के परिजनों ने फार्मासिस्ट प्रेरणा का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त किया है।