उत्तराखंड भू कानून के समर्थन में उतरे राकेश टिकैत, बड़े आंदोलन की चेतावनी दी
राकेश टिकैत ने उत्तराखंड सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर प्रदेश में सख्त भू कानून लागू नहीं किया गया तो बॉर्डर पर करेंगे बड़ा आंदोलन।
Aug 12 2021 7:23PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड में भू कानून का मुद्दा तूल पकड़ रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार भू कानून के समर्थन में लोग अपनी बात रख रहे हैं और सरकार से उत्तराखंड में सख्त भू कानून लागू करने की मांग कर रहे है। इसी भू कानून के समर्थन में कई बड़ी हस्तियां भी सोशल मीडिया पर आवाज उठा रही हैं। उत्तराखंड के भू कानून के समर्थन में किसान आंदोलन का मुख्य चेहरा राकेश टिकैत मैदान में उतर आए हैं। जी हां, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भू कानून का पुरजोर समर्थन किया है और उन्होंने ऐलान किया है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो उत्तराखंड के किसान बॉर्डर पर घेराबंदी कर देंगे और अधिकारियों की आवाजाही पर रोक लगा देंगे। दरअसल उत्तराखंड में सरकार ने बाहरी व्यक्तियों को धड़ल्ले से जमीन बेचने का रास्ता खोल कर रखा हुआ है। राकेश टिकैत ने कहा है कि समस्त उत्तराखंड को पहाड़ की जमीन को बेचने से रोकने के लिए आगे आना होगा। हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान आंदोलन को धार देने वाले राकेश टिकैत देहरादून पहुंचे और उन्होंने उत्तराखंड सरकार से मजबूत भू कानून लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार प्रदेश की जनता के हित में काम नहीं करेगी तो उत्तराखंड के सभी किसान पूरे प्रदेश में बॉर्डर पर धरना देकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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बीते बुधवार को किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत देहरादून पहुंचे। वहां पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान उत्तरांचल प्रेस क्लब से रूबरू हुए और इस दौरान टिकैत ने प्रेस को बताया कि आने वाली 5 सितंबर को तकरीबन 5000 किसान मुजफ्फरपुर से उत्तराखंड किसानों को समर्थन देने पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि अगर उत्तराखंड में भू कानून लागू नहीं किया जाता है तो सभी किसान बॉर्डर पर धरना देंगे। राकेश टिकैत ने सरकार को उत्तराखंड में किसानों की स्थिति को सुधारने की सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि यहां पर भी हिमाचल की तर्ज पर ही विलेज टूरिज्म पॉलिसी समेत भू कानून लागू किया जाए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि मैदानी क्षेत्र से पहाड़ में नौकरी पर जाने वाले लोगों को हिल अलाउंस मिलता है, मगर पहाड़ों पर रहने वालों लोगों को कोई अलाउंस नहीं दिया जाता है। इसके लिए तत्काल हिल पॉलिसी भी बने।