image: Girls sitting on Strike outside Ramnagar GGIC

उत्तराखंड: हिंदी मीडियम वालों को एडमिशन देने से इनकार, स्कूल के बाहर धरने पर बैठी छात्राएं

रामनगर में हिंदी मीडियम की छात्राओं को एडमिशन देने से इंकार, दर्जन भर छात्राएं बैठीं धरने पर-
Aug 23 2021 5:26PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

कहने को तो भारत में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाता है मगर स्कूलों में हिंदी भाषा की दुर्गति देखकर लगता है कि भले ही हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाता है मगर देश में अंग्रेजी को जितना सम्मान दिया जाता है शायद हिंदी भाषा को इतना सम्मान नहीं मिल पाया है। यही कारण है कि अधिकांश स्कूलों में हिंदी मीडियम के छात्रों को उतनी तवज्जो नहीं दी जाती है और सभी स्कूल लगभग अंग्रेजी मीडियम में ही कक्षाएं संचालित करना पसंद करते हैं। अब उत्तराखंड में ही देख लीजिए। उत्तराखंड के रामनगर में अटल उत्कृष्ट विद्यालय जीजीआईसी में एडमिशन लेने आईं तकरीबन 60 से अधिक छात्राएं स्कूल के खिलाफ धरने पर बैठ गईं हैं। कारण भी जान लीजिए। दरअसल यह विद्यालय हिंदी मीडियम के छात्राओं के लिए मुसीबत बन गया है। विद्यालय में केवल अंग्रेजी मीडियम में ही एडमिशन दिया जा रहा है। ऐसे में आठवीं तक हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले बच्चों के सामने एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है।

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: दिल्ली दंगों में मारे गए दिलबर नेगी की बहनों से मिले कपिल मिश्रा..बंधवाई राखी
रामनगर के जीजीआईसी में नौवीं कक्षा के एडमिशंस में जिन भी बच्चों ने आठवीं कक्षा तक हिंदी मीडियम के जरिए पढ़ाई की हो उनको हिंदी मीडियम में प्रवेश देने से इनकार कर दिया है। स्कूल का कहना है कि सभी छात्रों को अंग्रेजी मीडियम में ही आगे की पढ़ाई जारी रखनी होगी। ऐसे में आठवीं तक की सभी छात्राएं जो कि हिंदी मीडियम से पढ़ी हुई हैं उनके लिए अंग्रेजी मीडियम में पढ़ना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। स्कूल के आदेश के बाद दर्जनों छात्राएं अभिभावकों के साथ स्कूल के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गईं हैं और उनका कहना है कि उनको अपनी आगे की पढ़ाई हिंदी मीडियम से ही जारी रखनी है। राज्य सरकार ने हाल ही में जीजीआईसी को अटल उत्कृष्ट विद्यालय घोषित कर दिया है और अब विद्यालय में केवल अंग्रेजी मीडियम से ही पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में स्कूल से हिंदी मीडियम हटा दिया गया है और केवल अंग्रेजी मीडियम से ही शिक्षा प्राप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं।

यह भी पढ़ें - गढ़वाल: चीन सीमा को जोड़ने वाले हाईवे पर भूस्खलन, सेना के जवानों की मुश्किल बढ़ी
स्कूल ने आठवीं तक हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले छात्राओं को नौवीं कक्षा में हिंदी मीडियम में प्रवेश देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि इन सभी छात्राओं को अंग्रेजी मीडियम के बच्चों के साथ ही अंग्रेजी में पढ़ाई करनी पड़ेगी। वहीं छात्राओं का कहना है कि वे शुरुआत से ही हिंदी मीडियम में पढ़ती आई हैं और वह नौंवी में भी वे हिंदी माध्यम से ही पढ़ाई करना चाहती हैं। स्कूल के इस आदेश से नाराज लगभग 60 से अधिक छात्राएं स्कूल के बाहर धूप में अपने अभिभावकों के साथ धरने पर बैठ गईं और उन्होंने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करनी शुरू की। इसी बीच सूचना पर बीईओ वंदना रौतेला मौके पर पहुंचीं और उन्होंने सभी छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को उनको स्कूल में हिंदी मीडियम में प्रवेश दिए जाने को लेकर आश्वासन दिया है। समस्या के समाधान के लिए अभिभावक एवं प्रधानाचार्य के बीच वार्तालाप जारी है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home