शाबाश भुली: बरसाली गांव की अनामिका बिष्ट को बधाई, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा
उत्तरकाशी की युवा पर्वतारोही अनामिका बिष्ट ने फतेह की यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस, आप भी दें बधाई
Aug 30 2021 3:08PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस, माइनस 20 डिग्री तापमान और 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही तेज हवाएं .... इनके बीच लड़खड़ाते हुए कदम जिसके जहन में बस एक ही शब्द चल रहा था " जीत "। पीछे मुड़ने के कई बहाने थे मगर आगे बढ़ने की एक ही वजह " विजय "। इसी दृढ़ निश्चय के साथ बढ़ रहे थे कदम। वह कदम थे उत्तराखंड की महत्वाकांक्षी बेटी और युवा पर्वतारोही अनामिका बिष्ट के। अनामिका बिष्ट ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर फतह पाली है और सफल आरोहण कर यह साबित कर दिया है कि वह किसी से कम नहीं हैं। वाकई उत्तराखंड की बेटियां हर क्षेत्र में देवभूमि का नाम रोशन कर रही हैं और उत्तराखंड को गौरवान्वित कर रही हैं। इसी के साथ अनामिका बिष्ट ने यह साबित कर दिया है कि सफलता आपको घर पर बैठे-बिठाए नहीं मिल सकती। सफलता पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। उत्तराखंड की अनामिका बिष्ट के द्वारा माउंट एलब्रुस के सफल आरोहण के बाद से ही उनके पास बधाई हो का तांता लग रखा है और स्वयं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत समेत कई लोगों ने अनामिका बिष्ट को बधाई दी है।
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अनामिका उत्तरकाशी के बरसाली गांव की रहने वाली हैं और बचपन से ही ट्रेकिंग का जुनून उनके ऊपर सवार था और इसी जुनून को उन्होंने अपना सपना बनाया और उस सपने की ओर पग बढ़ाने शुरू किए। उनके पिता अनिल सिंह बिष्ट और उनकी मां विजयलक्ष्मी बिष्ट ने अपनी बिटिया को पूरा समर्थन दिया और उनके सपने को पूरा करने के लिए उनको प्रोत्साहन दे दिया। अनामिका बिष्ट ने बताया कि 15 अगस्त को वे माउंट एलब्रुस के आरोहण के लिए 7 सदस्यों की टीम के साथ उत्तरकाशी से रवाना हुईं। 17 अगस्त को वे सभी लोग मॉस्को पहुंचे और मॉस्को से माउंट एलब्रुस चोटी के बीच जाने में 2 दिन का समय लगा। 20 से लेकर 23 अगस्त तक उन्होंने बेस कैंप क्षेत्र में अभ्यास किया और टीम का नेतृत्व करते हुए 24 अगस्त को 1 बजे उन्होंने दो अन्य साथियों के साथ में सफल आरोहण किया। उन्होंने बताया कि कुल 7 सदस्य आरोहण के लिए गए थे जिनमें से मौसम अनुकूल न होने के कारण चार अन्य सदस्त आरोहण नहीं कर पाए मगर उनके दो अन्य साथी लेफ्टिनेंट रोमिल और बेंगलुरु की गायत्री ने सफल आरोहण कर भारत का सिर गर्व से ऊंचा किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स उत्तरकाशी के निम से किया है जबकि एडवांस कोर्स हिमालय पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स निम से किया है। राज्य समीक्षा की पूरी टीम युवा पर्वतारोही अनामिका बिष्ट को उनके भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं देती है।