image: Tourists spreading filth in the Bugyal of Chopta and Tungnath

उत्तराखंड के बुग्याल में आकर ऐसी गंदगी फैला रहे हैं लोग, स्थानीय लोग परेशान

रुद्रप्रयाग के चोपता और तुंगनाथ में पर्यटक जम कर फैला रहे हैं गंदगी, बुग्यालों को भी कर रहे हैं गंदा, मजबूरन स्थानीय निवासी चला रहे हैं सफाई अभियान।
Sep 2 2021 3:12PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

उत्तराखंड.... पहाड़ों की गोद में बसा यह छोटा सा राज्य पर्यटकों के बीच खूब प्रचलित है। यहां हर वर्ष सैकड़ों पर्यटक रुख करते हैं। मगर बाहर से आने वाले लोग यहां की खूबसूरती को निहारने कम और कूड़ा कचरा अधिक फैलाने आते हैं। देखिए न, मौज मस्ती में डूबे रहने वाले लोग बाहर से आते हैं, यहां गंदगी फैलाते हैं और चले जाते हैं। इस समय तुंगनाथ धाम सहित चोपता में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और वहां के हरे-भरे बुग्यालों में गंदगी फैला कर पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं। पर्यटकों की लापरवाही की तरफ प्रशासन का ध्यान भी नहीं जाता और फिर मजबूरन स्थानीय लोगों को सफाई अभियान चलाना पड़ता है। तुंगनाथ धाम सहित चोपता में सैकड़ों पर्यटक एवं यात्रियों की संख्या उमड़ रही है और इसी का नतीजा है कि इको पर्यटन विकास समिति तुंगनाथ चोपता, व्यापार संघ एवं जीव टैक्सी यूनियन की ओर से संयुक्त अभियान चलाया गया और चोपता तुंगनाथ पैदल मार्च के यात्रा पड़ाव सहित तुंगनाथ धाम में स्वच्छता अभियान चलाया गया जहां पर कई कुंतल प्लास्टिक एवं कूड़े को एकत्रित कर निस्तारण के लिए चोपता मार्ग तक पहुंचाया गया।

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मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर चोपता एवं तुंगनाथ धाम में सैकड़ों की संख्या में भीड़ उमड़ने का दुष्परिणाम यह है कि लोग हरे-भरे बुग्यालों को गंदा कर रहे हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। केवल पर्यटक ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग भी अपनी मौज मस्ती में गुम रहते हैं और पर्यटक स्थलों को भरपूर गंदा करते हैं और वहां पर कूड़ा कचरा फेंकते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि आसपास के लोगों को सफाई अभियान चलाना पड़ता है। इको पर्यटन विकास समिति तुंगनाथ चोपता व्यापार संघ एवं जीव टैक्सी यूनियन की ओर से सफाई अभियान चलाया गया। पर्यटन विकास समिति के पदाधिकारियों ने कहा है कि तुंगनाथ आने वाले तीर्थयात्री एवं सैलानियों द्वारा लगातार प्लास्टिक की बोतलें एवं अन्य कूड़ा खुले में छोड़ा जा रहा है जिससे बुग्याल नष्ट हो रहे हैं और पैदल मार्गों पर भी हर जगह कूड़ा पड़ा हुआ है जिस वजह से लोगों को भी आवाजाही करते समय अच्छा नहीं लगता। उन्होंने बताया कि पर्यटक एवं तीर्थयात्री पैदल मार्ग की बजाय हरेभरे बुग्यालों से आवाजाही करते हैं और वहां पर भी कूड़ा-कचरा फैला कर वहां की सुंदरता को नष्ट करते हैं। ऐसे में वन विभाग व शासन को पत्र भेजकर चोपता-चन्द्रशिला पैदल मार्ग के दोनों तरफ जाली व घेरबाड़ करने की मांग की जा रही है।


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