उत्तराखंड की बेटियों को हॉकी प्लेयर बनाएंगी वंदना, ओलंपिक में हैट्रिक जमाकर रचा था इतिहास
वंदना का बचपन तंगहाली में बीता। उनके पास जूते और हॉकी स्टिक खरीदने तक के लिए पैसे नहीं थे। अपने जुनून के दम पर सफलता हासिल करने वाली वंदना अब उत्तराखंड के खिलाड़ियों की मदद करना चाहती हैं।
Sep 5 2021 3:59PM, Writer:Komal Negi
टोक्यो ओलंपिक में शानदार खेल का प्रदर्शन करने वाली हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया अब महिला हॉकी खिलाड़ियों को तराशने का काम करेंगी। हैट्रिक गर्ल वंदना कटारिया को राज्य सरकार ने इस साल तीलू रौतेली पुरस्कार से नवाजा है। उन्हें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया है। अब खेल और खिलाड़ियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए वंदना कटारिया उत्तराखंड की प्रतिभाओं को निखारने में मदद करना चाहती हैं। वंदना कहती हैं कि जब उन्होंने खेलना शुरू किया तो घर की माली हालत अच्छी नहीं थी। उनके पास जूते और हॉकी स्टिक खरीदने के तक के लिए पैसे नहीं थे। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वो अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़ीं और हॉकी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित किया।
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वंदना कहती हैं कि उस वक्त उत्तराखंड में हॉकी के लिए न तो कोई कोच था, न ढंग का मैदान। स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉलेज की बात तो दूर की कौड़ी थी। हालात ऐसे बन गए थे कि वो और उनकी बहन एक ही हॉकी स्टिक से प्रैक्टिस किया करती थीं। उनके पास जूते तक नहीं हुआ करते थे। तंगहाली के बावजूद वो अपने हुनर को तराशती रहीं। अब वंदना उत्तराखंड की महिला खिलाड़ियों की मदद करना चाहती हैं, ताकि जो दिन उन्होंने देखे, वो किसी और को न देखने पड़ें। अभाव के चलते खेल को अलविदा न कहना पड़े। वंदना ने हॉकी इंडिया और सरकार से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में एस्ट्रो टर्फ बिछाने का काम चल रहा है। काम पूरा होने के बाद वह महिला हॉकी खिलाड़ियों को निखारने का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका ध्यान विश्वकप और आगे की खेल प्रतियोगिताओं पर है। हरिद्वार में खेल मैदान तैयार हो जाने के बाद वह आगे की योजना पर काम करेंगी।