image: Pandavaas movie selected for asha film festival

रुद्रप्रयाग के 'पांडवाज़' को बधाई, आशा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सलेक्ट हुई 'यकुलांस'

पांडवाज क्रिएशन के बैनर तले बनी शॉर्ट फिल्म ‘यकुलांस’ का सेलेक्शन आशा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है। इस तरह यकुलांस एक शानदार सफर पर निकल पड़ी है।
Sep 14 2021 5:26PM, Writer:Komal Negi

पांडवाज क्रिएशन के बैनर तले बनी उत्तराखंडी शॉर्ट फिल्म ‘यकुलांस’ को दर्शकों की खूब सराहना मिल रही है। फिल्म में स्क्रीन प्ले से लेकर डायरेक्शन तक हर स्तर पर शानदार काम हुआ है। अब ये फिल्म राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के मंचों पर छाने को तैयार है। ‘यकुलांस’ का सेलेक्शन आशा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है। इस तरह यकुलांस एक शानदार सफर पर निकल पड़ी है। इस फिल्म के माध्यम से देश-दुनिया के लोगों को न सिर्फ उत्तराखंड की संस्कृति बल्कि यहां की समस्याओं को जानने का भी मौका मिलेगा। चलते-चलते आपको फिल्म के बारे में कुछ और जानकारी देते हैं। गढ़वाली भाषा में यकुलांस का मतलब होता है,अकेलापन। ये फिल्म पलायन के चलते खाली हो चुके गांवों की हकीकत बयां करती है। पहाड़ के युवा रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे शहरों में चले जाते हैं, और अपने पीछे कभी न टूटने वाला सन्नाटा छोड़ जाते हैं। बेटों के चले जाने के बाद पीछे रह गए बुजुर्ग किस पीड़ा से गुजरते हैं, ये सब आपको इस फिल्म में देखने का मौका मिलेगा। ‘यकुलांस’ कहने को 28 मिनट की शॉर्ट फिल्म है, जो कि अंत तक दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब रही है। ये फिल्म बताती है कि भले ही इंसान ने इंसान का साथ छोड़ दिया है, लेकिन जानवर अभी भी वफादार है। पांडवाज की ये फिल्म भले ही बड़े स्तर पर रिलीज न हो पाई हो, लेकिन इस शानदार और क्रियेटिव फिल्म को दर्शकों की खूब तारीफ मिल रही है। लोग उत्तराखंड के टैलेंट के बारे में जानने लगे हैं। अब फिल्म का सेलेक्शन आशा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए हुआ है। इसके लिए ‘यकुलांस’ की पूरी टीम को राज्य समीक्षा की तरफ से शुभकामनाएं। उम्मीद है ‘यकुलांस’ के जरिए पांडवाज ने जो आशाएं जगाई हैं, वो भविष्य में पूरी जरूर होंगी।
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