उत्तराखंड: स्वाद, सेहत का खजाना है पहाड़ी गाय का दूध, शहरों में बढ़ी जबरदस्त डिमांड
पर्वतीय क्षेत्रों में पली गायों के दूध में मिलने वाला प्रोटीन हृदय की बीमारी और मधुमेह से लड़ने में कारगर होता है। इसके सेवन के कई फायदे हैं।
Sep 15 2021 8:49PM, Writer:Komal Negi
पहाड़ी गाय का दूध पौष्टिकता का भंडार है। सेहत के लिहाज से गाय का दूध फायदेमंद तो है ही, साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पली गायों के दूध में मिलने वाला प्रोटीन हृदय की बीमारी और मधुमेह से लड़ने में कारगर होता है। इसके सेवन से मानसिक विकास में मदद मिलती है। नैनीताल के लोगों को पहाड़ी गाय के दूध का स्वाद खूब भा रहा है। यही वजह है कि दूध की बिक्री लगातार बढ़ रही है। हल्द्वानी में नैनीताल दुग्ध सहकारी संघ लिमिटेड लालकुआं ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पहाड़ी गाय के दूध की बिक्री शुरू की थी। आपको ये जानकर खुशी होगी कि महज 11 दिन में दूध की बिक्री 6.15 फीसदी बढ़ गई है। लोगों को पहाड़ी गाय का दूध काफी पसंद आ रहा है। इसके अलावा अगस्त माह में 74.6 फीसदी मक्खन, 9.7 फीसदी पनीर, 2 फीसदी दही की बिक्री भी बढ़ी है। हल्द्वानी में इस समय 17 हजार लीटर पहाड़ी गाय का दूध बिक रहा है। इसमें से 4000 लीटर दूध नैनीताल जिले के पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों से आ रहा है। इस तरह नैनीताल दुग्ध संघ के जरिए लोगों को पहाड़ी गाय का पौष्टिक दूध मिल रहा है, साथ ही क्षेत्र के काश्तकारों को रोजगार भी मिला है। आगे पढ़िए
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नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने बताया कि वर्तमान समय में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मुक्तेश्वर, रामगढ़, नथुवाखान, पलड़ा, बबियाड़ मार्ग से कसियालेख दाड़िमा, गहना पोखरी, हरतोला पलड़ा और चयूरीगाड समेत कई क्षेत्रों की दुग्ध समितियों से हर दिन लगभग 4 हजार लीटर पहाड़ी गाय का दूध एकत्रित किया जा रहा है। भविष्य में पर्वतीय क्षेत्रों की सभी दुग्ध समितियों से दूध खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। संस्था का लक्ष्य लोगों को उच्च गुणवत्ता युक्त पहाड़ी गाय का दूध उपलब्ध कराना है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। पहाड़ी गाय के दूध के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए पूरी टीम लगाई गई है। यहां आपको पहाड़ी गाय के दूध के गुणों के बारे में भी बताते हैं। पहाड़ी नस्ल की गाय के दूध में ए-2 बीटा प्रोटीन ज्यादा मात्रा में पाया जाता है और यह सेहत के लिए काफी अच्छा है। ए-2 बीटा प्रोटीन हृदय की बीमारी, मधुमेह और मानसिक रोग के खिलाफ सुरक्षा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शक्तिदायक और आसानी से पचने वाला होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में जड़ी बूटियां खाने वाली उत्तराखंड की पहाड़ी गाय का दूध से लेकर मूत्र तक औषधीय गुणों से संपन्न है।