image: Father saved his daughter from fire in bageshwar

उत्तराखंड: जान की परवाह किए बिना भीषण आग में उतरा पिता, दुधमुंही बेटी को बचा लिया

आग लगने की वजह से गांव के चार घर जलकर राख हो गए। नकदी, जेवर, फर्नीचर के साथ ही सारा सामान आग की भेंट चढ़ गया, लेकिन घर में मौजूद एक दुधमुंही बच्ची को बचा लिया गया।
Sep 23 2021 1:18PM, Writer:Komal Negi

जाको राखे साईयां, मार सके न कोय। बागेश्वर के कपकोट में ये कहावत एक बार फिर सच साबित हो गई। यहां एक गांव में देर शाम आग लगने की वजह से चार घर जलकर राख हो गए। नकदी, जेवर, फर्नीचर के साथ ही सारा सामान आग की भेंट चढ़ गया, लेकिन घर में मौजूद एक दुधमुहीं बच्ची की जान किसी तरह बच गई। लोगों ने घर के भीतर मौजूद बच्ची को जान जोखिम में डालकर बचाया। घटना वाछम क्षेत्र की है। जहां घर में रौशनी के लिए जलाए गए दीपक ने चार मकानों को स्वाहा कर दिया। गांव में महेश कुमार, दीपक राम, पुष्कर राम और हरीश कुमार अपने परिवार के साथ रहते हैं। मंगलवार शाम करीब चार बजे अचानक महेश कुमार के मकान में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने दीपक राम, पुष्कर राम और हरीश कुमार के मकान को चपेट में ले लिया। सूचना मिलते ही गांव के लोग एकत्र हो गए। घटना के वक्त महेश कुमार की दुधमुंही बच्ची घर के भीतर थी। आग की आंच शरीर को छूने लगी तो बच्ची दर्द से चिल्लाने लगी।

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पिता महेश कुमार की आंखों के आगे अंधेरा छाने लगा पर अगले ही पल उसने बेटी को बचाने की ठान ली। महेश कुमार जान की परवाह किए बगैर घर के भीतर गए और बच्ची को बाहर निकाल लाए। आग लगने से भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित महेश कुमार के मुताबिक तीन तोला सोने के आभूषण और 62 हजार की नकदी समेत उनके सारे जरूरी कागजात जलकर राख हो गए। पुष्कर राम, हरीश कुमार और दीपक कुमार का भी भारी नुकसान हुआ है। घर में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। बुधवार को राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर क्षति का जायजा लिया। कपकोट के ब्लॉक प्रमुख गोविंद दानू ने भी हादसे पर दुख जताते हुए प्रभावितों को 60-60 हजार सहायता राशि और मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।


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