लीजिए..पहाड़ों में शुरू हो गया बर्फबारी का दौर, सफेद चादर में लिपटी वादियां
बदरीनाथ धाम में बारिश के बाद शुक्रवार तड़के धाम की चोटियों पर एक बार फिर से शुरू हुई बर्फबारी
Sep 24 2021 3:01PM, Writer:साक्षी बड़थ्वाल
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज दिन प्रतिदिन बदलता जा रहा है. देहरादून से लेकर चमोली तक ऐसा कोई जिला नहीं, जहां आफत की बारिश ने तबाही न मचाई हो. बारिश के चलते कई इलाकों में ठंड ने दस्तक दे दी है. इसका असर पर्वतीय समेत मैदानी क्षेत्रों में साफ दिखाई दे रहा है. वातावरण शुष्क हो चला है और तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है. वहीँ बदरीनाथ धाम में बारिश के बाद शुक्रवार तड़के धाम की चोटियों पर एक बार फिर से बर्फबारी शुरू हो गई है, जिसके बाद धाम में ठंड भी अत्यधिक बढ़ गई है. बारिश और ठंड के बावजूद भी धाम में यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है दूसरे इलाकों की बात करें तो बारिश का सिलसिला अब भी थमा नहीं है. वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के पूर्वानुमान के तहत आज राज्य के कुछ स्थानों में गरज के साथ बारिश की संभावना जताई गई है.
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वहीँ भारी बारिश के चलते चमोली में बदरीनाथ हाईवे-7 सैलंग और जोशीमठ के बीच झड़कूला के पास भूस्खलन से बाधित हो गया था. जिसे एनएच विभाग ने करीब छह घंटे बाद यातायात के लिए खोल दिया गया है. जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. मार्ग पर कई वाहन फंस गए थे, जो रोड खुलने के बाद अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए हैं. बता दें कि लगातार हो रही बारिश से जनपद में अभी भी ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाले 21 लिंक मोटरमार्ग बाधित चल रहे हैं. साथ ही जनपद में कुल 217 में से 196 मोटरमार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए अब तक सुचारू कर दिया गया है वहीँ देहरादून जिले के कालसी तहसील मुख्यालय के निकट गुरुवार की देर शाम दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुश्ता ढह गया. जिससे मार्ग लगभग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, साथ ही भारी बारिश से मलबा आने से दूरस्थ गांव सुतोल को यातायात से जोड़ने वाली घाट-सुतोल सड़क पांच दिनों से बंद पड़ी है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.