image: Sobla tidang road closed in dharchula uttarakhand

उत्तराखंड: 117 दिन से बंद है सोबला-तिदांग सड़क, 3 घाटियों के लोग अलग-थलग पड़े

धारचूला में लंबे वक्त से रोड बंद होने की वजह से 25 से अधिक गांवों में खाद्यान्न व अन्य जरूरी सामान की किल्लत हो गई है।
Oct 10 2021 6:58PM, Writer:Komal Negi

सीमांत जिले पिथौरागढ़ में रहने वालों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। यहां धारचूला में सोबला-तिदांग रोड पिछले 117 दिन से बंद है। जिस वजह से दारमा, व्यास, चौदास और भारत-चीन सीमा पर स्थित इलाके अलग-थलग पड़ गए हैं। यहां आवाजाही के लिए एक पुल का निर्माण कराया जा रहा है, उम्मीद है पुल बनने के बाद ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी। बीते 17 जून को भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाली सोबला-दर-तिदांग सड़क आपदा की भेंट चढ़ गई थी। कई जगह सड़क का नामोनिशान मिट गया है। यहां कनज्योति वैली ब्रिज भी टूट गया था, जो कि आवाजाही के लिए जरूरी है। अब बीआरओ यहां नया पुल बना रहा है। सड़कों के भूस्खलन की भेंट चढ़ने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। नोडल एजेंसियां सड़कों की हालत सुधारने में जुटी हुई हैं, लेकिन खराब मौसम अक्सर मुसीबत बन जाता है। धारचूला में लंबे वक्त से रोड बंद होने की वजह से 25 से अधिक गांवों में खाद्यान्न व अन्य जरूरी सामान की किल्लत हो गई है।

यह भी पढ़ें - देहरादून-सहारनपुर मेल समेत कई ट्रेनों का रूट बदला..देखिए पूरी लिस्ट
बीमार लोग घरों में तड़पने को मजबूर हैं, उनके लिए अस्पताल पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। तीन महीने से यहां जरूरी सामान की किल्लत बनी हुई है। आपको बता दें कि सोबला-तिदांग रोड भारत-चीन सीमा के साथ ही दारमा, व्यास व चौदास घाटी को आपस में जोड़ती है। बीते 17 जून को भारी बारिश के चलते रोड भूस्खलन की भेंट चढ़ गई थी, तब से ग्रामीणों की मुश्किलों का सिलसिला सा चल पड़ा है। ग्रामीण बंद सड़कों के खुलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ये इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। सड़क बंद हुए 117 दिन हो चुके हैं। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही बंद सड़कों को खोल दिया जाएगा। बीआरओ यहां कनज्योति पुल भी तैयार कर रहा है, जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home