देहरादून में महंगा होने वाला है सफर, ऑटो-विक्रम का किराया बढ़ाने की तैयारी
पेट्रोल-डीजल में लगी महंगाई की आग का असर अब यात्री वाहनों के बढ़े किराये तथा खाद्य सामग्री पर भी पड़ने लगा है। ऑटो-विक्रम संचालक भी किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
Oct 19 2021 5:06PM, Writer:Komal Negi
कोरोना महामारी के बाद लोग अब महंगाई से परेशान हैं। मंहगाई के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार पेट्रोल-डीजल हैं। पेट्रोल-डीजल में लगी महंगाई की आग का असर अब यात्री वाहनों के बढ़े किराये तथा खाद्य सामग्री पर भी पड़ने लगा है। इस बीच देहरादूनवासियों के लिए एक और चिंता बढ़ाने वाली खबर है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के बाद शहर के ऑटो और विक्रम संचालकों ने किराया बढ़ाने की मांग उठाई है। डीजल की बढ़ती कीमतों से वाहन संचालक परेशान हैं। संचालकों का कहना है कि अभी जो किराया है, उससे डीजल और बीमा का खर्चा निकाल पाना मुश्किल हो गया है। सरकार को किराया बढ़ाना चाहिए..ऑटो-विक्रम संचालकों की नजरें अब 23 अक्टूबर को होने वाली एसटीए की मीटिंग पर टिकी हैं। उनका मानना है कि एसटीए की मीटिंग में उनकी दिक्कतों पर भी जरूर ध्यान दिया जाएगा। देहरादून शहर में करीब 2300 ऑटो-रिक्शा और 794 विक्रम वाहन हैं। जिनका किराया फरवरी 2020 में बढ़ा था। आगे पढ़िए
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इस बीच डीजल-पेट्रोल और मोटर पार्ट्स के दाम में बेहताशा वृद्धि हुई है। डीजल 90 रुपये पार पहुंच गया है। किराये में बढ़ोतरी हुए एक साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। ऐसे में विक्रम और ऑटो चालक किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी जो किराया तय है, वो बहुत कम है। डीजल, बीमा और मरम्मत के खर्चे निकाल पाना मुश्किल हो रखा है। दिनभर में 600 रुपये का काम हो पाता है। इसमें तीन सौ रुपये का डीजल और पेट्रोल लग जाता है। बाकी खर्चे हटाकर सौ से डेढ़ सौ रुपये की शुद्ध कमाई भी नहीं हो पाती। बता दें कि ऑटो-विक्रम का किराया राज्य परिवहन प्राधिकरण तय करता है। अभी ऑटो का पहले दो किलोमीटर का किराया 50 रुपये तय है। इसके बाद प्रति किलोमीटर 15 रुपये है। तेल की बढ़ती कीमतों के बीच लोग ऑटो-विक्रम संचालकों की मनमानी से भी परेशान हैं। बढ़ती महंगाई के चलते कई ऑटो और विक्रम संचालक किराये में मनमानी कर रहे हैं। सरकार की ओर से तय किराये से ज्यादा किराया वसूल रहे हैं।