उत्तराखंड: जंगल में लकड़ी बीनने गए पति-पत्नी पर हाथी का हमला, पत्नी की दर्दनाक मौत
घर में चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी की जरूरत थी। मदन सिंह और उनकी पत्नी नंदी लकड़ी का इंतजाम करने जंगल गए हुए थे, तभी हाथी ने उन पर हमला कर दिया।
Nov 1 2021 5:17PM, Writer:Komal Negi
हल्द्वानी में जंगल से सटे इलाकों में हाथियों का आतंक चरम पर है। हाथी आबादी वाले इलाकों में घुसकर फसलों को तबाह कर रहे हैं, हाथी के हमले में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। बीते दिन ऐसी ही एक घटना गौलापार क्षेत्र में हुई। यहां दानीबंगर जंगल में लकड़ी बीनने गए दंपती पर हाथी ने हमला कर दिया। हमले में महिला की मौत हो गई, जबकि पति ने भागकर जान बचाई। जानकारी के मुताबिक कालीपुर सुंदरपुर रैक्वाल के रहने वाले मदन सिंह और उनकी पत्नी 45 वर्षीय नंदी को जलौनी लकड़ी की जरूरत थी। शाम छह बजे वो लकड़ी बीनने के लिए किशनपुर रेंज के जंगल दानीबंगर में गए थे। तभी एक हाथी अचानक वहां पहुंच गया और दंपती पर हमला कर दिया। इस बीच मदन सिंह ने किसी तरह मौके से भागकर अपनी जान बचा ली, लेकिन नंदी नहीं बच सकी।
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हाथी के हमले में महिला की मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस और तराई पूर्वी वन प्रभाग के किशनपुर रेंज की टीम मौके पर पहुंची। सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस बीच करीब सौ मीटर दूर जंगल में नंदी का क्षत विक्षत शव मिला। घटना के बाद इलाके में दहशत है। स्थानीय लोग डरे हुए हैं। गौलापार क्षेत्र में वन्यजीवों के हमले की ये पहली घटना नहीं है। यहां पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल जुलाई में गौला रेंज में हाथी के हमले में बीट वॉचर त्रिलोक राम की पत्नी पार्वती देवी की मौत हो गई थी। इसी साल गौलापार निवासी चनर सिंह की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। हाथियों के झुंड की इलाके में बढ़ती चहलकदमी भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। यहां हाथी कई बार फसलों को नुकसान पहुंचा चुके हैं।