केदारनाथ पहुंचे अजय कोठियाल
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इसके अलावा कर्नल कोठियाल ने कहा कि बीते दिन देवस्थानम बोर्ड के विरोध का सामना पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी करना पडा। पंडा पुरोहित समाज के लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाए ,जिस कारण उन्हें बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पडा। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, जब सबकुछ ठीक चल रहा है तो सरकार आखिर क्यों देवस्थानम बोर्ड बनाकर उसे जबरन पंडा पुरोहितों पर थोप रही है। उन्होंने बताया कि, जब पहले कभी सुविधाएं नहीं होती थी ,तो यात्रा पर आने वालों की सहायता पंडा समाज से जुडे लोग ही करते थे । यात्रियों के खाने पीने से लेकर उनके रहने और दवाईयों की व्यवस्था भी की जाती थी। उस दौर में तीर्थ पुरोहित, यजमानों के घर जाते थे, वहां उन्हें दक्षिणा भी मिलती थी। ऐसे में पुरोहित, यजमान और भगवान के बीच एक सामंजस्य बनता था। लेकिन आज उन्हीं लोगों का सरकार उपहास उडा रही है।
देवस्थानम बोर्ड का विरोध
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उन्होंने बताया कि अब हालात बदल चुके हैं। जब सब कुछ सामान्य था तो सरकार ने देवस्थानम बोर्ड बनाकर हक हकूक धारियों को पेरशान करना शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि, सरकार अपनी मनमानी पर अडी हुई है, जबकि पंडा पुरोहित अपने खून से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर बोर्ड को भंग करने की मांग उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सियासी लाभ उठाने के लिए बोर्ड को लेकर एक कमेटी बनाई ,लेकिन 30 अक्टूबर बीत जाने के बावजूद भी कोई फैसला नहीं लिया गया। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि, अब कपाट बंद होने वाले हैं , यात्रा बंद होने वाली है तो देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board Uttarakhand) की फाइल ठंडे बस्ते में जाना तय है। उन्होंने आगे कहा, कल हुए विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अब पीएम मोदी के दौरे को लेकर बीजेपी पशोपेश में है कि, कहीं पीएम का पंडा समाज खुलकर विरोध ना करे।