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उत्तराखंड: अब हाथियों को पागल-उत्पाती कहना छोड़ दें, भारत सरकार ने जारी किया आदेश

भारत सरकार ने सभी राज्यों के प्रमुख वन संरक्षकों को पत्र जारी कर इन संबोधनों (Elephants in Uttarakhand) पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
Nov 12 2021 1:34PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

उत्तराखंड में (Elephants in Uttarakhand) भी आपने अक्सर सुना होगा कि हाथियों खेतों में खड़ी फसल को रौंंद दी, या हाथी ने जाने अनजाने कभी किसी की जान लेली। ऐसे में लोग गजराज को उत्पाती, पागल गुस्सैल, बिगड़ैल और न जाने कैसे कैसे नामों से पुकारते हैं। जंगल लगातार कट रहे हैं, तो आखिर वो जानवर कहा जाएंगे, जिनके घरों में इंसानों का कब्जा हो गया है? अब देखा जा रहा है लोगों में हाथियों के प्रति नफरत की भावना बढ़ने लगी है। आपको ये भी जान लेना चाहिए बाकी वन्यजीवों की अपेक्षा हाथी सबसे समझदार और संवेदनशील प्राणी होते हैं।इस बीच एक अच्छी पहल हुई है। कुछ वन्य जीव प्रेमियों ने भारत सरकार काे पत्र भेजा और लिखा कि ऐसे संबोधनों पर प्रतिबंध लगाया जाए। भारत सरकार ने इस बात संज्ञान लिया और सभी राज्यों के प्रमुख वन संरक्षकों को एक पत्र जारी किया है। पत्र में लिखा गया है कि ऐसे संबोधनों पर प्रतिबंध लगवाए जाएं। इसके अलावा हाथियों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए। आगे पढ़िए
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ये है हाथियों की खासियत

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आपको बता दें कि हाथियों को काफी समझदार और संवेदनशील प्राणी माना जाता है। ये आप जानते ही होंगे कि जब तक खुद पर संकट न हो तब तक हाथी किसी पर हमला नहीं करते। इसके अलावा स्मरण शक्ति और बुद्धिमानी के मामले में हाथी का कोई सानी नहीं है। ये माना जाता है कि हाथी मातृ सत्ता के भी प्रतीक हैं। दरअसल हाथियों के झुंड को सबसे बुजर्ग हथिनी ही नियंत्रित करती है। ऐसे में हाथी चाहे कितना ही ताकतवर क्यों न हो, उसे अपने लीडर की बात माननी होती है।

उत्तराखंड में हाथी (Elephants in Uttarakhand)

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आपको बता दें कि उत्तराखंड में हाथियों (Elephants in Uttarakhand) की संख्या में इज़ाफा हो रहा है, जो कि अच्छा संकेत है। अब यहां हाथियों की संख्या 2026 हो गई है। 2017 में ये गणना 1839 थी। कुल मिलाकर 3 साल के अंतराल में उत्तराखंड में हाथियों की संख्या में 10.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कार्बेट टाइगर रिजर्व में सर्वाधिक 1224 हाथी हैं, जबकि राजाजी टाइगर रिजर्व में इनकी संख्या 311 है। शेष अन्य वन प्रभागों में हैं।


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