गढ़वाल के इंद्र सिंह बिष्ट: 20 हजार कर्ज लेकर शुरू की सेब की खेती, अब हर साल 10 लाख कमाई
सेना से रिटायर्ड बुजुर्ग इंद्र सिंह बिष्ट (Inder Singh Bisht apple cultivation) पिछले 30 साल से पलायन के खिलाफ चट्टान की तरह अडिग हैं।
Nov 13 2021 11:59AM, Writer:Komal Negi
एक तरफ पलायन के चलते गांव पहाड़ खाली होते जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ स्वावलंबन की ऐसी शानदार तस्वीरें भी देखने को मिल रही हैं, जो पलायन को मुंह चिढ़ाती दिखती हैं। एक ऐसी ही शानदार तस्वीर चमोली जिले से आई है। जहां एक बुजुर्ग किसान सेब की खेती (Inder Singh Bisht apple cultivation) से पलायन को मात देते नजर आते हैं। 74 साल के इस बुजुर्ग किसान का नाम इंद्र सिंह बिष्ट है। जिन्हें लोग एप्पलमैन के नाम से भी जानते हैं। इंद्र सिंह बिष्ट रोंग्पा घाटी में रहते हैं। सेना से रिटायर्ड यह बुजुर्ग पिछले 30 साल से पलायन के खिलाफ चट्टान की तरह अडिग है। उन्होंने 20 हजार रुपये कर्ज लेकर सेब की खेती शुरू की थी। जिससे आज वह हर साल 8 से दस लाख रुपए कमा रहे हैं। इंद्र सिंह बिष्ट का परिवार झेलम गांव में रहता है। 80 के दशक में वह अपने गांव लौट आए थे। इसके बाद उन्होंने गांव में रहकर ही कुछ करने की सोची। वे एक बार 1983 में हिमाचल गए, वहां उनको सेब के बागानों ने बहुत प्रभावित किया।
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उसी दिन उन्होंने झेलम में भी सेब की खेती करने का मन बना लिया। उन्होंने गांव में अपनी बेकार और बंजर पड़ी भूमि पर 50 नाली में 100 सेब के पेड़ लगाए। 10 साल तक उन्हें सींचा। आज नतीजा सबके सामने है। इंद्र सिंह ने बताया कि जब उन्होंने सेब की खेती करना शुरू किया तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे। हर कोई कहता था कि बंजर पहाड़ पर सेब कैसे उगेंगे, लेकिन इंद्र सिंह ने अपनी मेहनत से सब को गलत साबित कर दिया। आज वो गांव के लोगों के मिसाल बन गए हैं। जो युवा पहले नौकरी की तलाश में गांव छोड़कर शहर जाया करते थे, वो आज अपने गांवों में सेब उगा रहे हैं। आसपास के गांव वाले भी इंद्र सिंह (Inder Singh Bisht apple cultivation) से खेती सीखकर सेब की खेती कर रहे हैं। वो हर साल करीब सौ क्विंटल सेबों का उत्पादन करते हैं। जिससे उन्हें दस लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है।