उत्तराखंड: ऐसा भाई किसी को न मिले..अपनी बहन को लावारिस छोड़ा, भांजे से कहा-तेरी मां मर गई
5 साल तक रमा देवी (Nainital Rama Devi Story) कलकत्ता में बिना अपने परिवार के लावारिस भटकती रहीं, 5 साल के बाद वे अपने घर पहुंची हैं
Nov 24 2021 5:24PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड के नैनीताल जिले (Nainital Rama Devi Story) से एक बेहद शर्मनाक खबर सामने आ रही है। यहां पर भाई-बहन और मामा-भांजे का रिश्ता कलंकित हुआ है। दरअसल कालाढूंगी के नैनीताल निवासी के पास 5 साल पहले उसका भांजा उत्तर प्रदेश के बिजनौर से अपनी मां को लेने पहुंचा। तब उसके मामा ने बताया कि उसकी मां मर चुकी है। अपनी मां की मौत की खबर सुनकर बेटे को बड़ा झटका लगा और वह बेबस होकर वापस लौट गया था। मगर 5 साल के बाद सच्चाई आखिरकार सबके सामने आई है जिसको सुनकर सबके होश उड़ गए हैं। पता चला है कि अभी वे जीवित है और पश्चिम बंगाल के एक सुधार गृह में रही हैं। अपनी मां के जीवित होने की खबर सुनते ही राजस्थान के भिवाड़ी में रह रहे उनके बेटे कृष्ण गोपाल सिंह उनको लेने कोलकाता पहुंच गए हैं। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यह पूरा माजरा क्या है और आखिर कैसे 5 साल तक उनकी मां का कोई भी पता नहीं लग सका और आखिर कैसे वे नैनीताल से पश्चिम बंगाल पहुंचीं।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: दीपा देवी हत्याकांड में बड़ा खुलासा, पति ने ही की थी हत्या..गदेरे में छुपाई थी लाश
कैसी गुजरी होगी रमा देवी पर
1
/
जुलाई 2015 की बात है... उत्तर प्रदेश के बिजनौर के कृष्ण गोपाल की 68 वर्षीय मां रमा देवी नैनीताल के कालाढूंगी में अपने भाई राजन मेहरा के घर पर गई थी। जब फरवरी 2016 में कृष्ण गोपाल के बड़े भाई रामगोपाल अपने मामा के घर अपनी मां को लेने कालाढूंगी गए तो उनको बताया गया कि उनकी मां का निधन हो गया है। अपने मामा की बातों पर विश्वास कर रामगोपाल वापस अपने घर लौट आए। मगर हकीकत कुछ और थी। रमा देवी की मानसिक हालत ठीक नहीं थी जिस कारण उनका भाई उनको अपने घर में नहीं रखना चाहता था और अपनी बहन से पीछा छुड़ाने के लिए उसने उसको शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और कलकत्ता जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया।
लावारिस हालत में छोड़ दिया था
2
/
रमा देवी कलकत्ता पहुंच गई और कई महीनों तक लावारिस हालत में कोलकाता की सड़कों पर भटकती रहीं। 2016 में कोलकाता की पुलिस ने उनको लावारिस हालत में बरामद किया और उनका निजी अस्पताल में इलाज कराया जिसके बाद उनको बंगाल के एक वृद्ध आश्रम में रखवाया गया। 5 साल तक पुलिस ने लगातार प्रयास किए मगर रमादेवी (Nainital Rama Devi Story) के घर वालों से संपर्क नहीं हो सका और ना ही उनके घर वालों का पता लग सका।