पहाड़ के मनीष भट्ट को बधाई, IIT गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ चयन
आईआईटी गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ पिथौरागढ के डॉ. मनीष भट्ट का चयन, आप भी दें शुभकामनाएं-
Dec 3 2021 7:20PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड के लाल और पिथौरागढ़ के निवासी डॉ मनीष भट्ट ने समस्त देवभूमि का नाम गौरवान्वित किया है। पिथौरागढ़ के डॉक्टर मनीष भट्ट का सिलेक्शन गुवाहाटी के इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है। उनके चयन के बाद से उनके क्षेत्र में जहां एक ओर खुशी की लहर छा गई है तो वहीं दूसरी ओर उनके घर में भी परिजनों के बीच हर्षोल्लास का माहौल साफ देखने को मिल रहा है। मनीष भट्ट की सफलता से उनके गुरुजन और परिजन बेहद खुश हैं। उनके अथक परिश्रम और धैर्य से उन्होंने यह सफलता हासिल की है। पीएचडी होल्डर मनीष भट्ट स्कूल के समय से ही एकेडमिक में शानदार प्रदर्शन करते आए हैं। बीटेक के बाद उन्होंने शोध का रास्ता चुना और पीएचडी की।
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उन्होंने कनाडा, अमेरिका सहित कई देशों में जाकर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। अपनी मेहनत के बलबूते पर मनीष भट्ट का चयन गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है। मनीष भट्ट सीमान्त तहसील धारचूला के दूरस्थ गांव सिन्याखोला के मूल निवासी हैं। उनकी स्कूली शिक्षा पिथौरागढ़ से हुई। उन्होंने दयानंद स्कूल, पिथौरागढ़ से 10वीं की परीक्षा पास की वे उत्तराखंड बोर्ड की मैरिट सूची में 9वें स्थान पर रहे रहे। इसके बाद उन्होंने राजकीय इण्टर कॉलेज पिथौरागढ़ से 12वीं पास की। उत्तराखंड बोर्ड की मैरिट सूची में उन्होंने 15 वां रैंक हासिल किया। इसके बाद उन्होंने जेईई परीक्षा क्रैक कर एनआईटी हिमाचल प्रदेश से बीटेक की डिग्री प्राप्त की और फिर प्रतिष्ठित संस्थान IISc बैंगलोर से पीएचडी पूरी की। इसके बाद उन्होंने कनाडा मॉन्ट्रियल विश्वविद्यालय से पोस्ट डॉक्टरेट और विश्व प्रसिद्ध जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय, बाल्टीमोर, अमेरिका से रिसर्च साइंटिस्ट में उपाधि हासिल की है। देश प्रेम के कारण मनीष भट्ट ने अमेरिका से लौटकर बिट्स पिलानी गोआ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रुप में कार्य किया। अब उनका चयन देश के टॉप आईआईटी में शामिल आईआईटी गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुआ है।उनका परिवार वर्तमान में पिथौरागढ़ के टकाना में रहता है। उनके पिता डॉ धर्मानन्द भट्ट राजकीय बलुवाकोट में प्राध्यापक के तौर पर कार्यरत हैं। उनकी इस उपलब्धि के बाद से उनके क्षेत्र और परिवार में खुशी की लहर छा गई है।