उत्तराखंड में चुनावी माहौल गरमाने आएंगे अखिलेश और मायावती..जानिए पूरा प्लान
दिसंबर में समाजवादी पार्टी के प्रमुख Akhilesh Yadav और बसपा सुप्रीमो Mayawati भी Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav को धार देने आ सकते हैं
Dec 8 2021 3:47PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav करीब आते ही सभी दल सियासी गोटियां खेलने में लग चुके हैं. एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी करना, दूसरी पार्टियों पर हमला करने जैसे हथियार लगातार चलाए जा रहे हैं. उत्तराखंड में अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन दिसंबर में सभी राजनीतिक दल सेमीफाइनल करने की कोशिश में जुटे हैं. चार दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली कर चुनावी माहौल बनाने की शुरुआत कर दी. वहीं अब 16 दिसंबर को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी परेड ग्राउंड में रैली करने जा रहे हैं. इस बीच, दिसंबर माह में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तराखंड आ सकते हैं. सपा ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि इस दौरे के साथ ही सपा आगामी विधानसभा चुनाव के अभियान की शुरुआत भी कर देगी.
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Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav- अखिलेश आ रहे हैं
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पार्टी के अध्यक्ष डॉ. एसएन सचान ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष इसी महीने पहले देहरादून में रैली करेंगे. इस दौरान वह उत्तराखंड से जुड़ी कई अहम घोषणाएं भी करेंगे. समाजवादी पार्टी के साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती के भी उत्तराखंड दौरे की तैयारियां शुरू हो गई हैं. पार्टी के पश्चिमी यूपी-उत्तराखंड प्रभारी शम्सुद्दीन राइन ने बताया कि बसपा सुप्रीमो के उत्तराखंड दौरे का कार्यक्रम जल्द जारी होगा. आपको बता दें की उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद यहां बसपा का मजबूत जनाधार रहा है. राज्य गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में बसपा, कांग्रेस व भाजपा के बाद आठ सीटें जीत कर प्रदेश में तीसरी ताकत के रूप में उभर का सामने आई. यह बात अलग है कि शुरुआती विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने वाली बसपा का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है.
Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav- मायवती भी आएंगी
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वर्ष 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में बसपा ने 10.93 प्रतिशत वोट शेयर लेकर सात सीटों पर कब्जा जमाया था. 2007 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में बसपा ने 11.76 फीसद मत प्रतिशत के साथ आठ सीटें कब्जाई. वर्ष 2012 में बसपा को तीन सीटें मिली लेकिन 2017 में मोदी लहर के सामने बसपा भी नहीं टिक पाई और उसका खाता ही नहीं खुला. इस बार बदले हुए माहौल में बसपा यह मान रहा है कि मोदी लहर का असर अब कम हो गया है. ऐसे में वह प्रदेश में इस बार बेहतर प्रदर्शन करने की स्थिति में है वहीं सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम हरीश रावत व पार्टी अध्यक्ष गणेश गोदियाल से तनातनी के बीच सोमवार को किशोर उपाध्याय लखनऊ पहुंच गए. यहां उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. उनकी इस मुलाकात के साथ ही भाजपा के बजाए अब सपा में उनके जाने का शोर उठने लगा है.