उड़ता उत्तराखंड: जेल में भी नशे का बेखौफ धंधा..कैदियों के अचार, पेस्ट और झंडू बाम में चरस
कुछ दिन पहले अल्मोड़ा जेल में बंद दो कैदियों के नशे के कारोबार में शामिल होने की खबर आई थी। एसओजी की छापेमारी के दौरान जेल से कई मोबाइल भी बरामद हुए थे।
Dec 13 2021 8:19PM, Writer:कोमल नेगी
प्रदेश में जेलों की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है। कहीं जेलों से रंगदारी वसूली जा रही है तो कहीं शातिर अपराधी जेल में बैठकर नशे का कारोबार चला रहे हैं। कुछ दिन पहले अल्मोड़ा जेल में बंद दो कैदियों के नशे के कारोबार में शामिल होने की खबर आई थी। एसओजी की छापेमारी के दौरान जेल से कई मोबाइल बरामद हुए थे। लेटेस्ट मामला भी इसी अल्मोड़ा जेल से जुड़ा है। जेल में अपराधी मादक पदार्थ और दूसरा सामान ले जाने के लिए ऐसी-ऐसी तकनीकें इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनके बारे में सुन आप भी हैरान रह जाएंगे। यहां बेल से लौटे बंदी प्रतीक अग्रवाल के पास से चरस बरामद हुई। बंदी प्रतीक ने इसे सील बंद अचार के जार, पेस्ट और झंडू बाम की तली में छिपाया था। तलाशी में प्रतीक के पास से तीन हिस्सों में कुल 40 ग्राम चरस बरामद हुई।
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बताया जा रहा है कि पहले भी कुछ लोगों के पास इस तरह डिब्बे में कुछ सामग्री मिली थी। इसी के आधार पर जेल प्रशासन ने कड़ाई से तलाशी ली। बंदी के पास मौजूद झंडू बाम के डिब्बे में चरस मिली। इसके बाद अचार के सील बंद डिब्बे को खोला गया। उसमें भी पॉलीथिन के अंदर से चरस मिली। कोलगेट के पाउच में भी चरस भरी हुई थी। बता दें कि जिला कारागार अल्मोड़ा में लगातार हो रहे बवाल के बाद जेल प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। जेल प्रशासन की मुश्किलें भी बढ़ी हैं, क्योंकि हर किसी के पेस्ट की तलाशी ले पाना आसान काम नहीं है। जेल प्रशासन कैदियों से मिलने आने वालों की बारीकी से तलाशी ले रहा है। बंद जार और पेस्ट खोले जा रहे हैं। कैदियों के जूते और पेस्ट में मादक पदार्थ होने की आशंका बढ़ गई है। खैर तमाम आरोप-प्रत्यारोपों के बीच जेल प्रशासन मुस्तैद है, और कैदियों के लिए आने वाले सामान की तलाशी में जुटा है।