उत्तराखंड में ठंड है प्रचंड, घोड़ों को पिलाई जा रही है ब्रांडी और रम
नैनीताल में गजब हो रहा है, घोड़ों को ठंड से बचाने के लिए ब्रांडी और रम पिलाई जा रही है..पढ़िए पूरी खबर
Dec 30 2021 10:48AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में इन दिनों कंपकंपी छुड़ाने वाली ठंड पड़ रही है। बर्फबारी के कारण पारा लगातार नीचे गिर रहा है। इस कदर ठंड पड़ रही है कि लोग घरों में कंबल में दुबके हुए हैं। हीटर से लेकर अलाव तक, सारे तिकड़म ठंड भगाने में फेल हो रहे हैं। ठंड भगाने के लिए कई लोग दारू और ब्रांडी का सहारा ले रहे हैं। आपने सुना होगा कि ब्रांडी और रम कई घरों में ठंड भगाने के देसी इलाज के रूप में इस्तेमाल होती है। बड़े तो बड़े बच्चों तक को ठंड लगने पर ब्रांडी और रम पिलाई जाती है।
ठण्ड में घोड़ों को भी ब्रांडी और रम का सहारा:
इस बार उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड का बुरा असर जानवरों पर भी पड़ रहा है। वे भी इस सर्द मौसम से अछूते नहीं रहे हैं। वहीं जानवरों के लिए भी ठंड सहन करना इस कदर मुश्किल साबित हो रहा है कि उनको भी ब्रांडी और रम पिलाई जा रही है। हो गए न आप भी हैरान? मगर चौंकिए मत, क्योंकि उत्तराखंड में ठंड से बचने के लिए जानवरों को भी शराब पिलाई जा रही है। नैनीताल में बर्फबारी और बारिश के बाद तापमान में और गिरावट आ गई है और उसी ठंड से घोड़ों को ठंड से बचाने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। एक तरफ जहां घोड़ों को गर्म रखने के लिए गुड़, अजवाइन और सरसों का तेल दिया जा रहा है, तो वहीं कुछ लोग विशेष प्रजाति के घोड़ों को ब्रांडी और रम पिलाकर ठंड से निजात दिला रहे हैं। आगे पढ़िए..
घोड़ा चालक सेवा समिति के अध्यक्ष मोहम्मद उमर ने बताया कि नैनीताल में कुल 94 घोड़े हैं। इन घोड़ों के जरिए पर्यटकों को लवर्स प्वाइंट, सुसाइड प्वाइंट और डोरथी सीट समेत विभिन्न पर्यटक स्थलों में घुमाया जाता है। तापमान गिरने से वे भी ठंड का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में घोड़ों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें गर्म तासीर का भोजन परोसा जा रहा है। ज्यादा ठंड पड़ने पर इन घोड़ों को 20 एमएल ब्रांडी और रम पिलाई जाती है। घोड़ों के शरीर में गर्माहट बनी रहे, इसके लिए गुड़, तेल और अजवाइन को पकाकर भी उन्हें चारे के साथ दिया जाता है। घोड़ों को रात के समय कंबल और मोटे कपड़ों से ढका जा रहा है। यहां तक कि ठंड से बचाने के लिए उनके पैरों में गरम पट्टी बांधी जा रही है। माथे और गालों पर मफलर भी बांधे जा रहे हैं, ताकि घोड़े इस ठंड के मौसम में आराम से रह सकें। जब ठंड असहनीय हो जाती है तो वे अपने घोड़ों को नैनीताल से मैदानी क्षेत्रों की तरफ गर्म इलाकों में भेज देते हैं ताकि उनकी जान बचाई जा सके।