उत्तराखंड में कोरोना से कोहराम, चुनावी रैलियों पर लगेगा ब्रेक?
Uttarakhand में Coronavirus के चलते चुनावी रैलियों पर रोक लगेगी? विशेषज्ञ संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाने पर जोर दे रहे हैं।
Jan 5 2022 1:34PM, Writer:कोमल नेगी
uttarakhand में Coronavirus के बढ़ते मामलों ने सरकार के साथ-साथ सियासी दलों की चिंता भी बढ़ा दी है। विधानसभा चुनाव करीब हैं, सियासी दल रैलियां-जनसभा कर जनता का दिल जीतने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन कोरोना के मामले अगर इसी रफ्तार से बढ़ते रहे तो रैलियों पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।
Election Rallies amid Risk of Corona:
राज्य में बीते एक सप्ताह से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। अगर संक्रमण इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो आने वाले कुछ सप्ताह में ही उत्तराखंड में एक्टिव मरीजों की संख्या हजारों में पहुंच जाएगी। कोरोना के केस बढ़ने के बावजूद सरकार ने अभी संक्रमण रोकथाम के लिए सख्त कदम नहीं उठाए हैं।
माना जा रहा है कि राज्य में चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सरकार सख्त कदम उठाने से बच रही है। हालांकि विशेषज्ञ संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने पर जोर दे रहे हैं। खासकर भीड़भाड़ को नियंत्रित करने की जरूरत बताई जा रही है। कोरोना के गंभीर मरीज बढ़े तो उत्तराखंड सरकार सख्ती कर सकती है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। आगे पढ़िए...
बैठक में कहा गया कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के बावजूद अभी गंभीर मरीजों की संख्या नहीं के बराबर है। ऐसे में जिला प्रशासन को स्थिति पर नजर बनाए रखने, अस्पतालों की व्यवस्थाओं में सुधार करने और भीड़ नियंत्रण के उपाय करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। सियासी दलों की चिंता भी बढ़ गई है।
राजनीतिक दलों को यह डर है कि अगर कोरोना को लेकर थोड़े और सख्त कदम उठाए गए तो इस से सियासी कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाएंगे। यही वजह है कि सरकार भी सख्त कदम उठाने से डर रही है। बता दें कि राज्य में कोरोना कंट्रोल के लिए बनी कमेटी ने राज्य सरकार को कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर सतर्क किया था। Uttarakhand में Coronavirus को देखते हुए भीड़ रोकने की बात भी कही गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने चुनाव पर फोकस करते हुए विशेषज्ञों की राय को पूरी तरह दरकिनार कर दिया।