उत्तराखंड: यहां पुलिसकर्मियों ने दी चुनाव ड्यूटी के बहिष्कार की चेतावनी..जानिए वजह
उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे की मांग को लेकर विरोध जारी है. मामला आचार संहिता लागू होने के बाद अधर में लटक गया है. ऐसे में पुलिस परिजनों में सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी है.
Jan 11 2022 10:49AM, Writer:साक्षी बडथ्वाल
एक तरफ उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज़ हैं वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे की मांग को लेकर विरोध जारी है. मामला आचार संहिता लागू होने के बाद अधर में लटक गया है. ऐसे में पुलिस परिजनों में सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी है. आपको बता दें की बीते 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन सिपाहियों को सितंबर 2021 से 4600 ग्रेड पे का लाभ देने की घोषणा कर दी. लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद महीनों तक शासनादेश जारी नहीं हुआ. जिसके चलते पुलिस परिजन सड़क पर कई बार उतरे, हर बार उन्हें आश्वासन दिया गया. 27 दिसंबर को भी पुलिस परिजन ने CM आवास की तरफ कूच किया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. इसके बाद वह 31 दिसंबर तक गांधी पार्क के बाहर धरने पर बैठे रहे. वहीं कुछ दिन पहले पुलिसकर्मियों को आचार संहिता लगने से पहले ग्रेड-पे का शासनादेश जारी करने का आखिरी आश्वासन दिया गया, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
सरकार द्वारा इस मामले में तमाम जद्दोजहद के बाद आचार संहिता से ठीक पहले ग्रेड-पे से संबंधित पुलिसकर्मियों को झुनझुना पकड़ाते हुए मात्र एकमुश्त दो-दो लाख रुपये देने का शासनादेश जारी कर दिया गया वहीँ दूसरी तरफ दो लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने संबंधी आदेश को सिपाहियों के परिजनों ने लॉलीपॉप बताया है. साथ ही पुलिसकर्मियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि लंबे आंदोलन के बावजूद भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मांग पूरी करने के नाम पर ऐन वक्त तक उन्हें गुमराह करते रहे. पुलिसकर्मियों का कहना था कि वह सरकार से भीख नहीं मांग रहे हैं. बल्कि उन्हें अपना हक चाहिए. आपको बता दें की इस बीच कुछ पुलिसकर्मियों ने चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी. वहीं, इंटरनेट मीडिया पर भी यह मामला तूल पकड़ रहा है. रविवार को 2001 बैच के पुलिसकर्मी ऋषिकुल क्षेत्र में इकट्ठा हुए और तय किया कि ग्रेड पे के बदले में सरकार ने उन्हें दो-दो लाख रुपये की जो एकमुश्त रकम दी है, उसे लौटाया जाएगा वहीँ अब इस मामले को लेकर सभी अधिकारी अलर्ट हो गए हैं. साथ पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया की जहां तक चुनाव डयूटी के बहिष्कार की बात है, निर्वाचन आयोग की स्पष्ट गाइडलाइंस है. उसमें जो भी कोताही करता है, नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.