उत्तराखंड की ये विधानसभा सीट गजब है, यहां 3 वोटों से जीता हुआ कैंडिडेट हार गया था
यहां एक दौर ऐसा भी रहा है, जब महज तीन वोट से मिली जीत को एक घटना ने हार में बदल दिया था। इस घटना को लोग शायद ही कभी भूल पाएंगे।
Jan 25 2022 7:47PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हर बार की तरह इस बार भी सूबे की हाईप्रोफाइल सीटों पर जनता की निगाहें रहेंगी। इनमें टिहरी की नरेंद्रनगर विधानसभा सीट भी शामिल है। यहां एक दौर ऐसा भी रहा है, जब महज तीन वोट से मिली जीत को एक घटना ने हार में बदल दिया था। इस घटना को लोग शायद ही कभी भूल पाएंगे। बात साल 2007 की है। उस वक्त चुनाव में कांग्रेस ने सुबोध उनियाल को टिकट दिया था। जबकि बीजेपी की ओर से लाखीराम जोशी और यूकेडी से ओम गोपाल रावत समेत 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। चुनाव में प्रत्यक्ष तौर पर मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच समझा जा रहा था। वोटिंग के बाद मतगणना शुरू हुई। देर रात जब मतगणना अंतिम दौर में थी, तब कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध उनियाल बढ़त हासिल कर सबसे आगे चल रहे थे। इस बीच खुद को हारा हुआ मानकर उक्रांद प्रत्याशी ओम गोपाल रावत मतगणना केंद्र से चले गए। उनके बाद बीजेपी प्रत्याशी लाखीराम जोशी भी वहां से निकल गए।
लाखीराम जोशी 11808 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। मतगणना केंद्र छोड़ने के बाद बीजेपी प्रत्याशी ने कुछ दूर पहुंचने पर ओम गोपाल रावत को बताया कि वह नजदीकी मुकाबले में हैं। कांग्रेस प्रत्याशी सुबोध उनियाल सिर्फ तीन वोट से आगे चल रहे हैं। ये पता चलते ही ओम गोपाल मतगणना केंद्र लौट आए और दोबारा मतगणना की मांग उठा दी। काफी देर तक हंगामा होता रहा। कुछ देर बाद रिटर्निंग ऑफिसर मेहरबान सिंह बिष्ट ने दोबारा मतगणना कराई। कांग्रेस प्रत्याशी जो तीन वोटों से जीत रहे थे, वो दोबारा हुई मतगणना में ओम गोपाल रावत से महज चार वोटों से हार गए। इस चुनाव में ओम गोपाल रावत को 13729 वोट मिले थे, जबकि सुबोध उनियाल को 13725 वोटों से संतोष करना पड़ा था। इस बार सुबोध उनियाल बीजेपी की ओर से चुनाव मैदान में हैं। जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर अभी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है। उधर, बीजेपी में अपनी अनदेखी से नाराज ओम गोपाल रावत ने पार्टी छोड़ दी है, वो जल्द ही कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं।