पहाड़ के अस्पताल में ये हाल है..मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज, बेड पर आराम फरमा रहे हैं कुत्ते
इस तस्वीर को देखने के बाद आप भी सरकारी अस्पताल में जाने से पहले कई बार सोचेंगे। कौन जाने जो बेड आपको मिला हो, उस पर कुछ ही देर पहले कोई कुत्ता आराम फरमा कर गया हो।
Jan 27 2022 7:42PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है। कहीं मरीजों को बेड नहीं मिल रहे, तो कहीं बेड पर आवारा कुत्ते आराम फरमा रहे हैं। पिथौरागढ़ से एक ऐसी ही तस्वीर आई है। इस तस्वीर को देखने के बाद आप भी सरकारी अस्पताल में जाने से पहले कई बार सोचेंगे। कौन जाने जो बेड आपको मिला हो, उस पर कुछ ही देर पहले कोई कुत्ता आराम फरमा कर गया हो। ऊपर दिख रही तस्वीर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड की है। जहां आवारा कुत्तों ने डेरा जमा लिया है। आवारा कुत्ते मरीजों के लिए लगाए गए बेड पर सोते नजर आते हैं, लेकिन इनकी नींद में खलल डालने की फुर्सत किसी के पास नहीं है। हर कोई आंख मूंदकर बैठा है। सोमवार को भी यहां आपातकालीन कक्ष के एक बेड पर आवारा कुत्ता पूरी रात सोता रहा। अस्पताल पहुंचे कई लोगों ने इस सीन को अपने मोबाइल में कैद कर लिया। ड्यूटी पर तैनात लोगों से इसकी शिकायत भी की गई, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये हाल तब है, जबकि अस्पताल में नाइट ड्यूटी पर डॉक्टर समेत चार से ज्यादा कर्मचारी तैनात रहते हैं। आगे पढ़िए
मंगलवार को ये मामला शहरभर में चर्चा का केंद्र बना रहा। मरीजों ने कहा कि उनके साथ आने वाले तीमारदारों को अस्पताल में बेड नहीं मिलता। कई लोगों को कड़ाके की ठंड में बरामदों में बैठकर रात बितानी पड़ती है। अस्पताल में दवा और बेड की कमी के मामले सामान्य सी बात हो गई है, लेकिन सोमवार रात जो हुआ उससे अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग रहे हैं। डीएम समय-समय पर अस्पताल का निरीक्षण करते हैं। जरूरी निर्देश भी देते हैं, इसके बावजूद व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा। उधर, मामले को लेकर पीएमएस डॉ. केसी भट्ट का कहना है कि अस्पताल के खुले परिसर में एक श्वान ने बच्चों को जन्म दिया है। इंसानियत की दृष्टि से इस श्वान को परिसर से बाहर नहीं किया गया था। रात को कुत्ता किसी समय बेड पर चढ़ गया। नजर पड़ते ही उसे कक्ष से बाहर कर दिया गया था। मामले को लेकर ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी से जवाब तलब किया गया है। दोषी कर्मचारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।