उत्तराखंड से मुंबई गायक बनने गया था कंचन जोशी, 10 साल बाद परिवार को ऐसे हाल में मिला
मुंबई जाकर Kanchan Joshi ने जगह-जगह धक्के खाए, लेकिन काम नहीं मिला। दो महीने बाद पैसे खत्म हुए तो उसकी जिंदगी मुफलिसी में गुजरने लगी। आगे पढ़िए पूरी खबर
Jan 31 2022 6:19PM, Writer:कोमल नेगी
ये कहानी है Kanchan Joshi की…मायानगरी मुंबई। यहां की चकाचौंध हर किसी को अपनी ओर खींचती है। हम फिल्मी सितारों को देखते हैं, कई लोग उनकी तरह बनने का सपना लेकर मुंबई भी जाते हैं, लेकिन इस चकाचौंध के पीछे का स्याह पहलू हजारों-लाखों लोगों के दिल तोड़ देता है। कुछ लोग नाकाम होकर घर वापस लौट आते हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जो यहां खो कर रह जाते हैं। आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे ही युवक की कहानी बताएंगे। घटना साल 2012 की है। उत्तराखंड में रहने वाला 22 साल का युवक कंचन जोशी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में गायकी में किस्मत आजमाने के लिए मुंबई गया था। वहां जाकर कंचन ने जगह-जगह धक्के खाए, लेकिन काम नहीं मिला। दो महीने बाद पैसे खत्म हुए तो कंचन की जिंदगी मुफलिसी में गुजरने लगी। खाने के लाले पड़ गए, जीवन गरीबी में बीतने लगा। कंचन का परिवार से भी संपर्क नहीं रहा। न जाने कौन सी झिझक उसे घर वापस लौटने से रोकती रही।
काम नहीं मिला तो वो पेट भरने के लिए मंदिर, दरगाह स्थल के बाहर खाना खाने लगा। दस साल ऐसे ही गुजर गए। आज इस घटना के बारे में आपको इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि लंबे प्रयास के बाद लोकमान्य तिलक पुलिस स्टेशन ने कंचन जोशी को उसके परिवार से मिलवा दिया है। वरिष्ठ इंस्पेक्टर ज्योति देसाई के मुताबिक, कंचन ने आखिरी बार 2015 में परिवार से संपर्क किया था, पर अपने बारे में उन्हें कुछ बताया नहीं। पिछले महीने उसने मां को फोन कर के कहा कि वो मुंबई में है। तब कहीं जाकर उसके बड़े भाई कृष्णचंद ने पुलिस से संपर्क किया। कॉल डिटेल से कंचन की लोकेशन मुंबई के बायकुला में मिली। इसके बाद पुलिस ने उसे खोज लिया। इस तरह इस कहानी का सुखद अंत हुआ। कंचन को उसका परिवार मिल गया और परिवार भी कंचन के मिलने से खुश है, हालांकि इस एक खुशी को पाने में Kanchan Joshi ने अपनी जिंदगी के दस साल गंवा दिए, जो कि सपनों की बहुत बड़ी कीमत है।