image: BJP has not yet won in Dharchula assembly seat

उत्तराखंड चुनाव: इस सीट पर आज तक नहीं जीत पाई BJP, इस बार दांव पर लगी साख

धारचूला विधानसभा सीट पर अब तक नहीं खिला कमल, क्या इस बार धारचूला में चलेगा धामी का जादू?
Feb 1 2022 4:34PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

पिथौरागढ़ जिले के चीन और नेपाल सीमा से लगी धारचूला विधानसभा की कहानी बेहद रोचक है। यह वही विधानसभा है जहां पर अब तक भारतीय जनता पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई है। जी हां, हैरत की बात है कि अब तक भाजपा ने यहां पर एक बार भी जीत हासिल नहीं की है। अबतक यहां कमल नहीं खिल पाया है। चीन और नेपाल सीमा से लगी काली, गोरी, मंदाकिनी, धौली, रामगंगा नदियों की घाटी में अभी तक भाजपा को पराजय का ही सामना करना पड़ा है। हर चुनाव में भाजपा यहां स्ट्रांग से बेहद स्ट्रांग कैंडिडेट खड़ा करती है मगर उसके बावजूद आज तक कोई भी यहां पर कमल नहीं खिला सका है। इस बार भी भाजपा ने फिर नया चेहरा मैदान में उतारा है। अब देखते हैं कि इस बार यहां से कौन सी पार्टी बाजी मारती है। यह तो तय है कि संघर्ष भाजपा और कांग्रेस के बीच है। कांग्रेस तीसरी जीत के लिए प्रयास कर रही है तो वहीं यहां भाजपा भी भगवा फहराने को संघर्ष कर रही है। राह दोनों के लिए कठिन है मगर भाजपा के लिए रास्ता अधिक कठिन है क्योंकि यहां पर अब तक भारतीय जनता पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई है। पिछले दो बार से कांग्रेस यहां पर जीत रही है और भाजपा अब तक यहां पर खाता नहीं खोल सकी है। आगे पढ़िए

बता दें कि पिथौरागढ़ की धारचूला सीट 2002 वर्ष में अस्तित्व में आई। धारचूला सीट के पहले दो चुनाव काफी रोचक रहे। वनराजि समाज के गगन रजवार 2002 और 2007 में एक तरफा जीतते रहे। 2002 में कांग्रेस दूसरे और भाजपा तीसरे स्थान पर रही। 2007 में भाजपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। 2012 में यह सीट अनारक्षित हो गई। तब यहां कांग्रेस ने युवा हरीश धामी पर अपना दांव खेला। हरीश धामी ने भाजपा के खुशाल सिंह पिपलिया को बुरी तरह पराजित किया। वर्ष 2014 के उपचुनाव में यहां से तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत जीते। 2017 में भाजपा ने यहां पर प्रत्याशी बदल दिया। स्वामी विरेंद्रानंद को अपना प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में भी कांग्रेस ने बाजी मारी। इस बार भाजपा ने यहां पर फिर से प्रत्याशी बदला है। भाजपा ने धन सिंह धामी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस से निवर्तमान विधायक हरीश धामी मैदान में हैं। वर्तमान में भी कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुकाबले की संभावना जताई जा रही है। अब देखना यह है कि धारचूला विधानसभा सीट पर इस बार बाजी कौन मारता है। क्या इस बार भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने में कामयाब होगी इस बार भी कांग्रेस यहां से बाजी मार लेगी। कुल मिलाकर यह देखना रोमांचक होगा कि धारचूला विधानसभा सीट से इस बार कौन सी पार्टी इतिहास रचती है।


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