उत्तराखंड: कड़ाके की ठंड से हार्ट और ब्रेन के मरीजों में दोगुनी वृद्धि..जानिए लक्षण और बचाव
उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड में हार्ट एवं ब्रेन के मरीजों की संख्या में हुई दोगुनी वृद्धि, जानिए कैसे होगा बचाव
Feb 7 2022 1:39PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
ब्रेन एवं हार्ट के मरीजों के लिए ठंड किसी अभिशाप से कम नहीं है। यही वजह है कि सर्दियों में ब्रेन एवं हार्ट के मरीजों की संख्या कई गुना अधिक बढ़ जाती है। उत्तराखंड में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दिसंबर और जनवरी में ठंड के सारे रिकॉर्ड टूटे। फरवरी में भी ठंड के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं। पिछले 2 दिनों से हुई बारिश और पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी के चलते उत्तराखंड में अब भी जमाने वाली सर्दी पड़ रही है। भीषण ठंड के चलते हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में भी काफी अधिक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सुशीला तिवारी अस्पताल में हार्ट एवं न्यूरो के मरीजों की ओपीडी में अचानक से ही दोगुनी वृद्धि हो गई है। जी हां, जहां पर सामान्य दिनों में 10 से 15 मरीज हार्ट की बीमारी से संबंधित परेशानी को लेकर सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचते थे वहीं अब हार्ट के मरीजों की संख्या रोजाना ओपीडी में तकरीबन 30 से ज्यादा हो गई है। यही हाल न्यूरो ओपीडी का भी है। सुशीला तिवारी अस्पताल में हफ्ते में 3 दिन होने वाले न्यूरो की ओपीडी में 45 से 50 लोग पहुंचते थे और उनकी संख्या अब 80 से ऊपर पहुंच गई है। आगे पढ़िए-
विशेषज्ञों का कहना है कि कम तापमान में खून गाढ़ा हो जाता है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना अधिक बढ़ जाता है और यही वजह है कि उत्तराखंड में भी ब्रेन और हार्ट के मरीजों में तेजी से वृद्धि हो रही है। दरअसल रक्त वाहिनी सिकुड़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। तापमान कम होने से शरीर टाइट होने लगता है और ह्रदय तक रक्त ले जाने वाली रक्त वाहिकाएं भी सिकुड़ने लगती हैं और सिकुड़ी हुईं रक्त वाहिकाओं से ब्लड को निकलने के लिए अधिक दबाव डालना पड़ता है और इस तरह मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ता है और ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ने पर हार्ट अटैक होने की काफी अधिक संभावनाएं होती हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के सीनियर फिजिशियन डॉक्टर अरुण जोशी का कहना है कि सुशीला तिवारी अस्पताल में इन दिनों हृदय रोग संबंधी ओपीडी दोगुना हो गई है। हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को अपना ख्याल रखने एवं उनके परिजनों को भी उनका विशेष ध्यान रखने एवं लगातार चेकअप करने की सलाह दी जा रही है।
सांस की दिक्कत, थकान और घबराहट, ज्यादा पसीना आना, छाती में दर्द, पैर में सूजन आने की शिकायत होना हार्ट अटैक के लक्षण हैं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ जिन को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी है उनको भी रेगुलर चेकअप करना चाहिए। अब बात करते हैं ब्रेन स्ट्रोक जो कि लोगों के बीच में बेहद आम होता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर लोग गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। ठंड में ठीक से दिखाई ना देना, बोलने और समझने में दिक्कत, सिर दर्द और चक्कर आना, कमजोरी, चलने में दिक्कत होना ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हैं और अगर ऐसी दिक्कत हो तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। ब्रेन स्ट्रोक अत्यधिक उम्रदराज लोगों के बीच में बढ़ रहा है। ऐसे में डॉक्टरों ने कहा है कि उम्रदराज लोगों को ठंड से बचना चाहिए, गुनगुना पानी पीना चाहिए और गर्म पानी से नहाना चाहिए। कम से कम 2 घंटा धूप में बैठ कर धूप का आनंद लें, ठंड में अधिक से अधिक कपड़े पहनें, जितना हो सके ठंड से बचाव कर सकें तो यह बीमारी घातक साबित नहीं होगी। सुशीला तिवारी अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर अभिषेक राज का कहना है कि कुछ दिनों से न्यूरो ओपीडी तेजी से बढ़ती जा रही है और उम्रदराज लोग अलग-अलग तरह की शिकायतों को लेकर पहुंच रहे हैं। जाड़ों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज काफी अधिक बढ़ रहे हैं। मरीजों को लगातार चेकअप के साथ समय से दवा जरूरी सावधानी रखने को कहा जा रहा है।