उत्तराखंड में 50 हजार जवान तैनात, जारी हुई नई गाइडलाइन..2 मिनट में पढ़ लीजिए
शासन ने राज्य में होने वाली चुनावी जनसभाओं के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी 50 हजार सुरक्षाबलों के ऊपर होगी।
Feb 8 2022 3:09PM, Writer:कोमल नेगी
कोरोना संक्रमण के केस कम होने के बाद जिंदगी एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगी है। सभी सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है। इस बीच शासन ने प्रत्याशियों को भी बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। अब प्रत्याशी सुबह आठ बजे से रात 8 बजे तक चुनाव प्रचार कर सकेंगे। इसे लेकर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। एसओपी में राजनीतिक दल और प्रत्याशियों को सुबह आठ से रात आठ बजे तक प्रचार करने की अनुमति दी गई है। मैदान में सभा करने पर 30 फीसदी व्यक्तियों के जमा होने की इजाजत दी गई है। इस तरह अब खुले मैदान में प्रत्याशियों के लिए एक हजार लोगों की बाध्यता नहीं है। नेता डीएम की ओर से निर्धारित संख्या में जनसभाएं कर सकते हैं। हॉल के भीतर सभा के दौरान 50 फीसदी लोग हिस्सा ले सकते हैं। इससे पहले इंडोर हॉल में 500 लोगों का नियम लागू था। अब इसके बजाय 50 फीसदी क्षमता के साथ सभा आयोजित की जा सकती है।
सभाओं के लिए जारी गाइडलाइन में सभाओं और बैठकों में लोगों के आने-जाने के लिए अलग-अलग गेट रखने के निर्देश दिए गए हैं। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग नियम का सख्ती से पालन करना होगा। थर्मल स्क्रीनिंग और साफ-सफाई का खास ध्यान रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। एसओपी में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग की ओर से समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों में प्रतिबंधित गतिविधियों के संचालन की अनुमति नहीं होगी। राजनीतिक दलों और स्थानीय प्रशासन को पूरी सतर्कता बरतने को कहा गया है। प्रदेश में 14 फरवरी को चुनाव होना है। चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी 50 हजार सुरक्षाबलों के ऊपर होगी। राज्य पुलिस के 16000 जवान, 17800 होमगार्ड, 4178 पीआरडी जवान, 1789 वन रक्षक और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की 110 कंपनी चुनाव ड्यूटी में तैनात रहेंगी। प्रदेश में संवेदनशील बूथों की संख्या 1034 है, जबकि 808 बूथ अति संवेदनशील हैं। इन बूथों पर पीएसी और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात रहेंगे। सामान्य बूथों पर राज्य पुलिस और होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जाएगी।