उत्तराखंड में बागियों से सख्ती से निपट रही है कांग्रेस, कई नेता 6 साल के लिए OUT..देखिए लिस्ट
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: कांग्रेस बगावती नेताओं के साथ दिखा रही सख्ती, पार्टी ने बागी विधायकों को दिखाया बाहर का रास्ता
Feb 10 2022 6:57PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार विरोधी स्वर ऊंचा करने वाले बागियों के साथ में सख्ती से निपट रही है। कांग्रेस ने बागी होकर चुनाव लड़ने वालों को पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है और अब बागियों का साथ देने वालों के खिलाफ भी कांग्रेस ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है। जी हां, कांग्रेस पार्टी विरोधी गतिविधि नजर आने पर तत्काल कार्यवाही कर रही है और वहीं टिकट के दावेदार रहे सभी नेताओं की मूवमेंट और उनकी सक्रियता पर भी कांग्रेस पूरी नजर रख रही है। कांग्रेस को अगर कोई भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होता हुआ दिखाई दे रहा है तो कांग्रेस उनको बाहर का रास्ता दिखा रही है। दरअसल पार्टी की जिला कार्यकारिणी और विधान सभागार नियुक्त किए गए पर्यवेक्षकों पर बगावती स्वर ऊंचे करने वाले प्रत्याशियों को संभालने की जिम्मेदारी है और इसी के साथ में जो भी प्रत्याशी पार्टी का सहयोग नहीं कर रहे हैं उनकी भी रिपोर्ट ली जा रही है और बगावत करने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की जा रही है। इस कार्यवाही में छोटे से लेकर बड़े नेता भी आ रहे हैं और पूर्व कैबिनेट मंत्रियों समेत सभी विधायकों पर भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित होने पर कार्यवाही की जा रही है। बता दें कि कांग्रेस ने सख्ती करते हुए रुद्रप्रयाग में पूर्व कैबिनेट मंत्री मातवर सिंह कंडारी, पूर्व प्रत्याशी और जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा, संगठन पदाधिकारी अंकुर रौथाण समेत कई अन्य कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर निकाल दिया है। वहीं कांग्रेस ने हरिद्वार में पूर्व विधायक तस्लीम अहमद को भी पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
कांग्रेस ने बगावत और पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर चुनाव से पहले ही अपना स्टैंड क्लियर कर लिया था। कांग्रेस का कहना था कि जो भी पार्टी के साथ चुनावों में नहीं खड़ा होगा पार्टी उसको बाहर का रास्ता दिखा देगी। इस सख्ती के चलते पहले पूर्व पार्टी प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से सभी जिम्मेदारियां वापस ले ली गईं और उसके बाद भाजपा से उनकी बढ़ती नजदीकियों को देखते हुए पार्टी ने उन को बाहर कर दिया। वहीं कांग्रेस महिला प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य को भी पार्टी ने बाहर करने में देरी नहीं दिखाई और यही वजह रही कि कांग्रेस में इस बार पहले के मुकाबले बगावत काफी अधिक कम रही। यमुनोत्री, रुद्रप्रयाग एवं रामनगर को छोड़ दें तो अधिकांश सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने बगावत नहीं की है जबकि पहले अधिकतर सीटों पर कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ता था। आपको बता दें कि कांग्रेस ने पार्टी लाइन से हटकर काम करने वालों के खिलाफ भी बीते बुधवार को कार्यवाही की और यमुनोत्री विधानसभा सीट पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष समेत चार लोगों को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव संगठन मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के निर्देश पर यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं एआईसीसी सदस्य सुनील वरुण समेत 6 लोगों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया है। संगठन महामंत्री मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि विधानसभा चुनाव में सभी लोग पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में खड़े हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है। पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ जो भी काम कर रहा है उनके खिलाफ कांग्रेस तत्काल कार्यवाही कर रही है।