केदारनाथ धाम में 7 फीट बर्फ के बीच तपस्या कर रहे हैं ललित महाराज, योग से भगाते हैं ठंड
केदारनाथ धाम में माइनस 10 डिग्री तापमान की कडकडाती सर्दी में बाबा केदार का ध्यान करते हुए योगमुद्रा में समाधि की अवस्था मे रहते है
Feb 17 2022 3:32PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड के सभी जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही रही है और लोगों के ऊपर ठंड का कहर बढ़ता ही जा रहा है. जहां उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के अधिकतम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी दिखाई दे रही है तो वहीं मैदानी जिलों में कड़ाके की ठंड के कारण लोगो को कोहरे की मार झेलनी पड़ रही है. चार धाम में अत्यधिक बर्फबारी हो रही है. बात करें केदारनाथ धाम की तो केदारनाथ धाम में भी जमकर बर्फबारी हो रही है. धाम में अभी तक करीब 7 फीट तक बर्फ गिर चुकी है. बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद से भक्तों के लिए बाबा का धाम बंद है. इस समय भारी बर्फबारी व कंपकपाती ठंड के बीच केदारनाथ धाम से पुनर्निर्माण के काम में लगे मजदूर पहले ही नीचे लौट चुके हैं लेकिन बाबा केदार के भक्त साधु ललित महाराज अब भी वहीं तपस्या में लीन हैं. चारों तरफ गिरी बर्फ और जमा देने वाली ठंड भी इनकी साधना के आगे बेअसर दिखती है. ललित महाराज वर्ष भर साढ़े 11 हज़ार फीट की ऊंचाई में, केदारनाथ धाम में माइनस 10 डिग्री तापमान की कडकडाती सर्दी में बाबा केदार का ध्यान करते हुए योगमुद्रा में समाधि की अवस्था मे रहते है.
आपको बता दें की वर्षों से ललित महाराज की यही दिनचर्या है. वे असहनीय ठंड के बावजूद केदारनाथ धाम में डटे रहते हैं. जमा देने वाली ठंड के बीच भी भक्ति में लीन हैं. बता दें की केदारनाथ मंदिर से लगभग 200 मीटर दूर पुराने गढ़वाल मंडल विकास निगम गेस्ट हाउस में ललित महाराज का आश्रम है. ललित महाराज पिछले कई वर्षों से कपाट बंद होने के बाद भी केदारनाथ में रहते हैं और आवारा पशुओं की सेवा के अलावा, वह यात्रा के मौसम में हर दिन तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन भी करते हैं. हर साल लाखों लोग भंडारा में शामिल होते हैं. यात्रा शुरू होने से लेकर कपाट बंद होने तक लगातार भंडारा चलता रहता है. कई बार जब यात्रा सीजन में यात्रियों के रहने के लिये जगह और खाना नहीं मिलता है तो ललित महाराज यात्रियों को अपने आश्रम में निशुल्क ठहराते और खाना खिलाते हैं. यह बाबा केदार का कोई चमत्कार ही है कि बर्फीले इलाके में जहां ठंड बेहिसाब पड़ती हो वहां ललित महाराज भगवान की तपस्या में लीन रहते हैं. यह किसी दैवीय चमत्कार से कम नहीं.