उत्तराखंड: हरीश रावत ने कहा-मैं बनूंगा CM, अचानक सपने पर लग गया ग्रहण!
जैसे ही हरदा ने मुख्यमंत्री बनने की चाहत बयां की, नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस में हरीश रावत के कट्टर विरोधी प्रीतम सिंह ने भी मोर्चा संभाल लिया। पढ़िए पूरी खबर
Feb 17 2022 7:59PM, Writer:कोमल नेगी
पूर्व सीएम हरीश रावत एक बार फिर प्रदेश का मुखिया बनने के सपने देख रहे हैं। चुनाव परिणाम आने में अभी वक्त बचा है, लेकिन हरीश रावत न सिर्फ कांग्रेस की सरकार बनते देख रहे हैं, बल्कि खुद को सीएम भी मान बैठे हैं। पिछले दिनों उन्होंने इच्छा जताई कि वो अगर कुछ बनेंगे तो मुख्यमंत्री ही बनेंगे, अगर ऐसा नहीं होता तो वो घर बैठ जाएंगे। यानी राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इधर जैसे ही हरदा ने मुख्यमंत्री बनने की चाहत बयां की, नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस में हरीश रावत के कट्टर विरोधी प्रीतम सिंह ने भी मोर्चा संभाल लिया। जब बेचैनी बढ़ने लगी तो प्रीतम सिंह ने कह दिया कि कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान करेगा। उन्होंने कहा कि हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े हैं। मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर अब भी राष्ट्रीय नेतृत्व को ही फैसला लेना है। जिसके पक्ष में भी मुख्यमंत्री बनने को लेकर फैसला होगा, सब लोग उनके साथ लामबंद होंगे और जो चुनावी घोषणा पत्र में वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने का काम करेंगे। हरीश रावत और प्रीतम सिंह के रिश्ते की कड़वाहट किसी से छिपी नहीं है। आगे पढ़िए
पिछले दिसंबर में जब दोनों नेताओं के बीच तनातनी की खबरें आईं तो हाईकमान ने इन्हें दिल्ली तलब कर लिया था। हालांकि वहां से लौटने के बाद भी हरीश रावत के तेवर ढीले नहीं हुए, उन्होंने खुद को सीएम फेस कहना शुरू कर दिया। तब भी प्रीतम सिंह और उनके समर्थकों ने हरीश रावत की शिकायत हाईकमान से की थी। मुख्यमंत्री बनने के मामले में हरीश रावत पहले भी बदनसीब रहे हैं। साल 2002 में उत्तराखंड के पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती, लेकिन हरीश रावत की बजाय नारायण दत्त तिवारी सीएम बन गए। 2012 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी हरीश रावत कांग्रेस का मुख्य चेहरा थे, लेकिन हाईकमान ने पैराशूट प्रत्याशी विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बना दिया था। केदारनाथ आपदा के बाद हरीश रावत सीएम तो बने, लेकिन कांग्रेस के 9 विधायक पार्टी छोड़ बीजेपी में चले गए। अब हरीश रावत एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, जो कि उनके विरोधियों को कतई रास नहीं आ रहा।