यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के अक्षत जोशी और सूर्यांश बिष्ट, विचलित कर रही हैं युद्ध की तस्वीरें
लाडलों के यूक्रेन में फंसे होने के चलते छात्रों के परिजन बेहद परेशान हैं। युद्ध की तस्वीरें उन्हें विचलित कर रही हैं।
Feb 25 2022 1:42PM, Writer:कोमल नेगी
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते दुनियाभर में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। यूक्रेन के नागरिक अपने घर छोड़कर जा रहे हैं, कई भारतीय भी वहां पर फंसे हुए हैं। इनमें उत्तराखंड के छात्र भी शामिल हैं। लाडलों के यूक्रेन में फंसे होने के चलते परिजन बेहद परेशान हैं। युद्ध की तस्वीरें उन्हें विचलित कर रही हैं।
Uttarakhand Akshat Joshi stranded in Ukraine
राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ एवं प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डीपी जोशी के बेटे अक्षत जोशी भी यूक्रेन में हैं। वहां लगातार बिगड़ रहे हालात के चलते अक्षत के परिजन बेहद चिंतित हैं। अक्षत जोशी यूक्रेन के खारकिव शहर से एमबीबीएस कर रहे हैं। उनका एमबीबीएस का तीसरा वर्ष है। डॉ. डीपी जोशी ने बताया कि उनकी बीती सुबह अपने बेटे अक्षत जोशी से मोबाइल पर बात हुई थी। अक्षत ने बताया कि इमरजेंसी लगने की वजह से मॉल आदि में भीड़ है। लोग सामान जोड़ रहे हैं।
अक्षत ने बताया कि यहां पीने के पानी की समस्या हो गई है, ऐसे में पानी भी मॉल से खरीदकर पीना पड़ रहा है। यूक्रेन में बिगड़े हालात को देखते हुए अक्षत ने 27 फरवरी की फ्लाइट बुक कराई थी। 28 फरवरी को उन्हें भारत आना था। अब कीव में रूसी सेना के घुसने की वजह से फ्लाइट पर भी संकट खड़ा हो गया है। अक्षत के परिजनों ने बताया कि थोड़ी देर बात करने के बाद अचानक फोन कट गया, तब से अक्षत से संपर्क नहीं हो पाया है।
Uttarakhand Suryansh Bisht stranded in Ukraine
हाथीबड़कला केंद्रीय विद्यालय में अध्यापिका रश्मि बिष्ट का बेटा सूर्यांश सिंह बिष्ट भी यूक्रेन के लिवीव मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। रश्मि को भी बेटे की चिंता सता रही है। राजधानी कीव समेत लिवीव, खारकीव जैसे शहरों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए देहरादून से गए छात्र और छात्राओं के परिजन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। परिजन चाहते हैं कि जल्द से जल्द यूक्रेन में फंसे उनके बच्चों को सुरक्षित भारत लाया जाए।