उत्तराखंड: खत्याड़ी की लिपिका यूक्रेन में 6 दिन बंकर में रही, अब रोमानिया के लिए हुई रवाना
लिपिका ने बताया कि यूक्रेन के निप्रो में खाने-पीने का सामान नहीं मिल रहा। अगर कुछ दिन और बंकर में गुजारने पड़े तो कई लोगों की मौत हो सकती है।
Mar 2 2022 7:59PM, Writer:कोमल नेगी
यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से लगातार आ रही बुरी खबरों ने उन परिजनों की चिंता बढ़ा दी है, जिन के लाडले अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं और वहां से बाहर निकलने की जद्दोजहद में जुटे हैं। केंद्र और राज्य सरकार की मदद से भारतीय छात्रों को यूक्रेन से वापस लाने का सिलसिला जारी है। यूक्रेन में जो उत्तराखंडी छात्र फंसे हुए हैं। उनमें अल्मोड़ा की लिपिका चौहान भी है। लिपिका निप्रो में 6 दिन तक बंकर में बंद रहीं। अब वह जान हथेली पर रखकर रोमानिया सीमा की ओर रवाना हो गई हैं। लिपिका चौहान और 400 से अधिक भारतीय एक गाड़ी में बैठकर रोमानिया की सीमा की ओर निकले हैं। लिपिका चौहान के पिता मदन सिंह चौहान खत्याड़ी क्षेत्र में रहते हैं। जब से यूक्रेन में युद्ध छिड़ा है, माता-पिता की नींद उड़ गई है। आगे पढ़िए
यूक्रेन में फंसे दूसरे भारतीय छात्रों की तरह लिपिका ने भी 6 दिन बंकर में बंद रहकर गुजारे। मंगलवार को उन्होंने परिजनों को बताया कि वह बंकर से निकलकर गाड़ी में बैठ गई हैं। उनके साथ 400 से अधिक भारतीय अलग-अलग गाड़ी में हैं। ये सभी रोमानिया सीमा की ओर जा रहे हैं। निप्रो से रोमानिया सीमा करीब 1600 किलोमीटर दूर है। लिपिका ने पिता को बताया कि यहां खाने-पीने की काफी दिक्कत है। उनके पास केवल बिस्कुट के पैकेट है। जिससे इतनी लंबी यात्रा करनी है। सभी दुकानें भी बंद हैं। जिससे जरूरत का सामान भी नहीं मिल पा रहा। अगर कुछ दिन और बंकर में गुजारने पड़े तो कई लोगों की जान जा सकती है। बहरहाल अच्छी खबर ये है कि लिपिका रोमानिया सीमा के लिए चल पड़ी हैं। उनके परिजन अब बस यही दुआ कर रहे हैं कि उनकी बेटी जल्द से जल्द अपने घर पहुंच जाए।