हरीश रावत की राजनैतिक विरासत संभालेगी बेटी अनुपमा! BJP के कद्दावर कैंडिडेट को हराया
हरदा का जादू हुआ फेल, तो वहीं बेटी Anupama Rawat ने हासिल की ऐतिहासिक जीत, हरिद्वार ग्रामीण से कद्दावर प्रत्यारी स्वामी यतीश्वरानंद को भारी मतों से हराया
Mar 10 2022 7:50PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड में मतगणना के पहले राउंड से ही भारतीय जनता पार्टी का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा था। या यूं कहें कि कांग्रेस के सबसे अहम चेहरे हरदा का जादू इस बार फेल हो गया। हरीश रावत को इस बार के चुनावों में बेहद बुरी हार का सामना करना पड़ा है। मगर उनकी बेटी अनुपमा रावत ने हरिद्वार ग्रामीण में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ली है।
Anupama Rawat won from Haridwar Rural seat
अनुपमा रावत का राजनीति में यह पहला कदम था। इससे पहले उन्होंने एक भी चुनाव नहीं लड़ा है। ऐसे में उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव तो नहीं था मगर उनके पिता हरीश रावत का राजनीतिक एक्सपीरियंस की बदौलत ही कह लीजिए मगर अनुपमा ने भारतीय जनता पार्टी में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को बुरी तरह से हराया है। जी हां, अनुपमा रावत ने यहां अपने करीबी प्रतिद्वंदी यतीश्वरानंद को तकरीबन 6000 वोटों से हराया है। बता दें कि हरीश रावत की बेटी अनुपमा हरिद्वार ग्रामीण सीट पर अपने करीबी प्रतिद्वंदी और राज्य की बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के खिलाफ लगातार आगे चल रही थी और लीड कर रही थी। आगे पढ़िए
12 राउंड की गिनती के बाद यहां पर अनुपम रावत ने 6000 वोटों से जीत हासिल कर ली है। हरिद्वार में सबसे दिलचस्प बात यह है कि अनुपमा शुरुआती राउंड से बीजेपी प्रत्याशी के मुकाबले आगे चल रही थी। इसी बीच कांग्रेस और हरदा के समर्थकों को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि हरदा को इस बार हार का सामना करना पड़ा है। लालकुंआ सीट पर बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट की जीत हुई है। इस चुनाव में कांग्रेस हरदा की अगुवाई में चुनाव लड़ रही थी।हरदा 14 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए हैं। आपको बता दें कि इस बार नतीजों ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के नतीजे अब धीरे-धीरे साफ हो गए हैं। बीजेपी बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है। वहीं कांग्रेस महज 19 के आसपास सीटों पर सिमटती दिख रही है, जबकि आम आदमी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई है।