उत्तराखंड में धामी की ताजपोशी के बाद टूटा ‘शापित’ मिथक, जानिए CM आवास का रहस्य
पुष्कर सिंह धामी के विधायक दल का नेता चुने जाने के साथ ही सीएम आवास से जुड़ा एक बड़ा मिथक भी पूरी तरह से टूट गया।
Mar 24 2022 4:30PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में बीजेपी की दोबारा सरकार बनने के बाद कई मिथक टूट गए। ये बात और है कि किसी मुख्यमंत्री के चुनाव न जीतने का मिथक बरकरार रहा। सीएम पुष्कर सिंह धामी अपना दुर्ग बचाने में कामयाब नहीं हो सके। हालांकि प्रदेश में एक बार फिर धामी राज 2.0 की शुरुआत हो चुकी है।
myth about CM residence Uttarakhand
पुष्कर सिंह धामी के विधायक दल का नेता चुने जाते ही सीएम आवास से जुड़ा एक बड़ा मिथक भी पूरी तरह से टूट गया। कहा जाता है कि सीएम आवास में रहने वाला मुख्यमंत्री सत्ता में नहीं लौट पाता। यह मिथक एनडी तिवारी के कार्यकाल से चला आ रहा था, जो कई बार सच भी साबित हुआ है। अब पुष्कर सिंह धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के साथ ही सीएम आवास का यह मिथक भी टूट गया है। राजभवन के बगल में बने मुख्यमंत्री आवास का निर्माण कार्य एनडी तिवारी ने शुरू कराया था, लेकिन निर्माण शुरू होने के साथ ही उनका कार्यकाल पूरा हो गया, वो दोबारा सत्ता में नहीं लौट सके। साल 2007 में मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी मुख्यमंत्री बने और उन्होंने इस आवास का निर्माण पूरा कराया, लेकिन वो ज्यादा दिन तक सीएम नहीं रह पाए।
उनके बाद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक सूबे के मुख्यमंत्री बने। उनका भी कार्यकाल पूरा नहीं हुआ। विजय बहुगुणा और त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस आवास में रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। हालांकि हरीश रावत जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने इस आवास में कदम नहीं रखा। कई संकटों के बावजूद उन्होंने कार्यकाल पूरा कर लिया था। सीएम आवास पहाड़ी शैली में बनी विशाल बिल्डिंग है। साल 2010 में बने इस बंगले में 60 कमरे हैं। साथ ही एक बैडमिंटन कोर्ट, स्विमिंग पूल, कई लॉन, सीएम और उनके स्टाफ सदस्यों के लिए अलग-अलग कार्यालय हैं। मुख्यमंत्री के दफ्तर को बेहद शानदार तरीके से बनाया गया है। बीते साल जब पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के सीएम बने तो उन्होंने सीएम आवास में ठिकाना बनाया। वो विधानसभा चुनाव में हार गए, लेकिन दोबारा मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे। इसी के साथ मुख्यमंत्री आवास से जुड़ा बड़ा मिथक भी टूट गया।