image: Story Kashipur chaiti fair sale of horses and Sultana daakoo

शुरू हो रहा है उत्तराखंड के काशीपुर का चैती मेला, कभी सुल्ताना डाकू यहां घोड़े खरीदने आता था

Kashipur chaiti mela में खास होगा घोड़ों का बाजार, Sultana daku भी यहीं से खरीदता था horses, यहां 40 लाख तक बिकते हैं घोड़े
Mar 28 2022 7:15PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

काशीपुर के ऐतिहासिक चैती मेले में दो साल बाद फिर से नखासा बाजार लगाया जाएगा। लोग बेसब्री से इस मेले का इंतजार कर रहे हैं। मां भगवती बाल सुंदरी के ऐतिहासिक चैती मेले में लगने वाला नखासा बाजार को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। क्या आप जानते हैं कि इस बाजार की सबसे खास बात क्या है। वह ये है कि यहां देश की सबसे अच्छी नस्ल के घोड़े मिलते हैं।

Kashipur chaiti fair Sultana daku

जी हां, यहां के घोड़े इस हद तक प्रसिद्ध हैं कि अपराध जगत से नाता रखने वाले भी इन घोड़ो को खरीदने आते थे। मशहूर सुल्ताना डाकू को भी यहां से खास लगाव था। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि मां भगवती बाल सुंदरी उसकी कुल देवी थीं और वह हर साल यहां प्रसाद चढ़ाने के लिए आया करता था। बता दें कि मेले से डाकू मान सिंह के अलावा फूलन देवी भी घोड़े खरीद कर ले जाती थीं। बताया जाता है कि चैती मेले में नखासा बाजार करीब 150 साल पहले रामपुर निवासी घोड़ों के बड़े व्यापारी हुसैन बख्श ने शुरू किया था। चैती मेले के साथ-साथ काशीपुर का चैती नखास बाजार भी भारत में बहुत प्रसिद्ध है। एक समय में यहां दूर-दूर से लोग मां के दर्शन करने आते थे और दूर-दूर से यहां घोड़ा खरीदने के लिए भी आते थे। मशहूर सुल्ताना डाकू का भी यहां काफी आना-जाना रहता था। वह मां के दर्शन करने और घोड़ा खरीदने के लिए यहां आया करता था। डाकू मेले में घोड़े खरीदने सामान्य खरीदार के वेश में आते थे और किसी को भी परेशान नहीं करते थे। आगे पढ़िए

नखासा मेला करीब लगभग 500 से 700 साल पुराना है। जानकार बताते हैं कि एक समय यहां अफगानिस्तान, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के व्यापारी घोड़े लेकर आते और खरीद कर भी ले जाते थे। बीते सालों में भी नखासा मेले में पंजाब, गुजरात, यूपी, हरियाणा के लोग अच्छी प्रजाति के घोड़े खरीदने के लिए आते रहे हैं। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि यहां 40 हजार से लेकर 40 लाख तक के घोड़े बिकते हैं।इस मेले में रिछा, बहेड़ी, बदायू और रामपुर, राजस्थान से घोड़े बिक्री को आते हैं। रामपुर व बिजनौर व राजस्थान क्षेत्रों से तो पिछले चार से पांच पीढ़ियों से चैती मेले में अपने घोड़े लेकर आते हैं। यहां सभी प्रकार की नस्लों के घोड़े मिलते हैं। नखासा बाजार में मारवाड़ी, सिघी, कठियावाणी, स्पीति मणिपुरी आदि के नस्ल के घोड़े भी आते हैं। मारवाड़ी घोड़े, मणिपुरी और कठियावाणी नस्ल के घोड़े सबसे तेज होते हैं और इन घोड़ों की सबसे अधिक डिमांड रहती है। एक बार फिर से Kashipur chaiti mela शुरू हो रहा है। आप भी चले आइए


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