image: Demographic change on Uttarakhand Nepal border

उत्तराखंड-नेपाल सीमा पर ये क्या हो रहा है? देश की सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा

Uttarakhand Nepal Border सीमावर्ती जिलों में तेजी से Demographic Change हो रहा है। 26 जनवरी 2022 को जारी नेपाल की जनगणना में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
Apr 10 2022 5:05PM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड में पलायन के बीच जनसांख्यिकीय बदलाव यानी डेमोग्राफिक चेंज ने सरकार और सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

Uttarakhand Nepal Border Demographic Change

इस बीच भारत के लिए एक चिंता बढ़ाने वाली खबर नेपाल से आई है। उत्तराखंड से सटे नेपाल के सीमावर्ती जिलों में तेजी से डेमोग्राफिक चेंज हो रहा है। 26 जनवरी 2022 को जारी नेपाल की जनगणना में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसके अनुसार नेपाली सीमा पर मूल निवासियों का पलायन हुआ है और समुदाय विशेष के लोगों ने संसाधनों पर कब्जा कर लिया है। साल 2012 से 2022 के बीच के सालों में नेपाल का पूरा समीकरण बदला है। गोरखा की आबादी में 18,860 की कमी आई है। जबकि भारत से सटे नेपाली जिले कैलाली और कंचनपुर की जनसंख्या वृद्धि दर सामान्य पहाड़ी जिलों की अपेक्षा अधिक है। नेपाल के केंद्रीय सांख्यिकी विभाग के अनुसार साल 2012 में कैलाली की जनसंख्या 7 लाख 75 हजार 709 थी जो कि अब बढ़कर 9 लाख 11 हजार 155 तक पहुंच गई है। इसी तरह कंचनपुर जिले की जनसंख्या भी बढ़ी है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि रोजगार की तलाश में नेपाल के मूल निवासी दूसरे शहरों में पलायन कर गए, लेकिन एक समुदाय विशेष ने पहाड़ का रुख कर वहां के संसाधनों पर कब्जा जमा लिया। आगे पढ़िए

बीते 10 सालों में समुदाय विशेष ने खुद को इतना सक्षम बना लिया कि अब वो सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक व्यवस्था को भी प्रभावित करने लगे हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बांग्लादेश, बिहार, नेपाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के बीच सुनियोजित तरीके से धर्म विशेष के लिए गलियारा तैयार किया जा रहा है। साजिश पाकिस्तान को इस गलियारे से जोड़ने की है। बीते 10 सालों में शरणार्थियों के नाम पर बड़ी आबादी को इस गलियारे में शिफ्ट किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई नेपाल के रास्ते उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल में सक्रिय है। जून 2000 में भी भारत-नेपाल सीमा पर तेजी से बन रहे धर्म विशेष के स्थलों से सावधान रहने की चेतावनी जारी की गई थी। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार योजना के तहत धर्म विशेष के शिक्षण संस्थान उन्हीं क्षेत्रों में बनाए जा रहे हैं, जो कि सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। इस श्रेणी में उत्तराखंड के पिथौरागढ़, ऊधमसिंहनगर और चंपावत जैसे जिले भी आते हैं। सैन्य क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि नेपाल हमारा मित्र राष्ट्र है, लेकिन ओली सरकार में वहां जिस तरह से चीन और पाकिस्तान की दखल बढ़ी है। Uttarakhand Nepal Border Demographic Change आने वाले दिनों में भारत के लिए गंभीर समस्या बन सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर अब हमें अलर्ट हो जाना चाहिए।


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