पीएम मोदी का चौतरफा वार...एक झटके में उखाड़ फेंका सियासी कैक्टस!
Apr 18 2017 8:00PM, Writer:shan
पीएम नरेंद्र मोदी जब तीन साल पहले गुजरात से दिल्ली शिफ्ट हुए तभी से गुजरात में कांग्रेस के नेताओं के साथ ही आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी नए सपने देखने लगे थे। केजरीवाल खासतौर पर बीते दो सालों में खूब माहौल बनाने की कोशिश की। इन दो सालों में बीजेपी को हार्दिक पटेल से भी जूझना पड़ा, जिन्होंने कि बीजेपी को खूब परेशान किया, लेकिन ये सब चुनौतियां पीएम मोदी के सिर्फ एक दौरे से ही एक झटके में ही उखड़ गईं।पीएम नरेंद्र मोदी का ये दौरा बहुत ही सोच-समझकर प्लान किया गया था और उनके इस गुजरात दौरे ने पाटीदार आंदोलन, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की पूरी हवा निकाल दी है जो कि इन्होंने पिछले दो से तीन साल की मेहनत से तैयार की थी। पीएम ने रणनीति के तहत पाटीदारों के गढ़ और डायमंड सिटी कहे जाने वाले सूरत में 16 घंटे गुजारे।
पीएम मोदी की भाषणकला अद्भुत है लेकिन उन्होंने सूरत में रैली की बजाय 12 किलोमीटर लंबा रोड शो का फैसला किया। करीब 10 लाख से ज्यादा की भीड़ ने रोड शो के रास्ते में जगह-जगह उनका इंतजार किया और जब वो आए तो शानदार स्वागत किया। इस भीड़ में युवा और महिलाओं की अच्छी खासी तादाद थी, खासकर बुर्का पहनी महिलाओं की भी। पीएम नरेंद्र मोदी ने सूरत के रोडशो के जरिए एक तीर से कई निशाने साधे। सूरत ही वह जगह थी जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को हार्दिक पटेल की अगुवाई में चले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के वक्त सबसे पहले विरोध का सामना करना पड़ा था। आम आदमी पार्टी ने भी सूरत में काफी पैठ बनाने की कोशिश की। मोदी ने एक दूसरे कार्यक्रम में एक डायमंड फैक्ट्री का उद्घाटन किया, वहां करीब 15 हजार लोग मौजूद थे जिनमें दुनिया भर के अमीर हीरा कारोबारियों की तादाद करीब 500 से ज्यादा थी।
हार्दिक पटेल अपने पटेल समाज के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक रणनीति के तहत उन कार्यक्रमों में शामिल हुए जो पटेलों के प्रभाव वाले थे। इसीलिए गुजरात बीजेपी यूथ विंग के प्रमुख ऋत्विज पटेल सवाल करते हैं कि जब पटेल गुजरात का सबसे अमीर समुदाय है और सामाजिक-शैक्षिक तौर पर अच्छा कर रहा है तो आरक्षण की जरूरत क्या है? पीएम मोदी ने कुल मिलाकर इन कार्यक्रमों के जरिए राज्य के 18 लाख से ज्यादा लोगों से खुद को जोड़ा। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास की बुनियाद अपने हाथों से रखी है। वो गुजराज की रग-रग को पहचानते हैं, इसीलिए जब वो गुजरात पहुंचे तो विरोध की एक आवाज तक कहीं से नहीं उठी। पाटीदार आंदोलन चलाने वाले हार्दिक पटेल की निराशा इस पर कुछ अलग अंदाज में दिखी। उन्होंने पीएम के दौरे को शक्ति प्रदर्शन बताते हुए इसे बीजेपी की बेचैनी करार दिया