कमीशन कु मीट भात: 30 दिन में ही टूट गया 20 लाख की लागत से बना पुल..वाह साहब वाह
Pithoragarh के विकास खंड Dharchula के सीमांत Kanar village को जोड़ने वाला 20 लाख की लागत से बना bridge 30 दिन में टूट गया।
May 11 2022 5:00PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
कमीशन कु मीट भात... रिश्वत को रैलो.... नेगी दा का यह गीत आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि पहले था। तब भी पहाड़ों पर ऐसी ही व्यवस्था थी जैसी आज है। उत्तराखंड में कोई भी चीज ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाती। नेताओं के झूठे वादे हों या फिर पुल या सड़कें हों, यहां ज्यादा दिनों तक कुछ नहीं चलता। अब पिथौरागढ़ में ही देख लीजिए।
Dharchula Kanar village bridge broken in 30 days
पिथौरागढ़ के विकास खंड धारचूला के सीमांत गांव कनार के निवासियों के चेहरे पर खुशियां ज्यादा देर तक टिक न सकीं। दरअसल विकास खंड धारचूला के सीमांत गांव कनार को जोड़ने के लिए बनाया गया पैदल पुल 30 दिन में ही ध्वस्त हो गया है। 20 लाख की लागत से बने इस पुल के ध्वस्त हो जाने से क्षेत्र की जनता में आक्रोश पसर गया है। सच में, उत्तराखंड के पहाड़ों पर विकास कर नाम पर जनता के साथ जो मजाक किया जा रहा है वह असहनीय है। जनता को इन मुद्दों से भटका कर अन्य मुद्दों की तरफ आकर्षित करने और विकास कार्यों में लापरवाही और धांधली कर लोगों को मूर्ख बनाने की यह आदत पुरानी है। क्षेत्रवासियों ने मंगलवार को कनार में प्रदर्शन कर पुल निर्माण की जांच कराए जाने की मांग की है। आगे पढ़िए
दरअसल कनार गांव के समीप बहने वाली गोसीगाड़ के मानसून काल में उफान पर आ जाने से ग्रामीणों को आवागमन में होने वाली दिक्कत को देखते हुए जिला पंचायत सदस्य गंगोत्री दताल ने अपने प्रयासों से पैदल पुल स्वीकृत कराया था। निर्माणदायी संस्था विकास खंड धारचूला ने 20 लाख की धनराशि से पुल का निर्माण कराया था। तीस दिन पूर्व पुल आवागमन के लिए खोला गया था। लोगों के चेहरे पर खुशी आईं मगर शायद भगवान भी उनके चेहरे पर खुशी ज्यादा दिनों तक देख नहीं सका और 30 दिन के अंदर ही उनकी उम्मीदें पानी में बह गईं। बीती सायं यह पुल अचानक भरभराकर ध्वस्त हो गया। पुल ध्वस्त हो जाने से वर्षा काल में सुगम आवागमन की ग्रामीणों की उम्मीद धराशायी हो गई है। पुल टूटने से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा है कि खराब गुणवत्ता के चलते पुल 30 दिन भी नहीं टिक सका। कहने को तो इस पुल पर 20 लाख रुपए की लागत लगी है मगर असलियत से तो लगता है कि महज कुछ हजारों में ही इस पुल का निर्माण करवा दिया गया था। शायद तभी यह पुल 30 दिन भी नहीं टिक सका। पुल ग्रामीणों ने पुल निर्माण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य गंगोत्री दताल ने कहा है कि 30 दिन में ही पुल टूटना गंभीर मामला है और इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई कराई जाएगी। बुधवार को वे जिला मुख्यालय पहुंचीं और उन्होंने जिलाधिकारी के सामने पुल की जांच की मांग रखेंगी। मामले को उच्च स्तर तक ले जाया जाएगा। वहीं धार जिला के विकासखंड अधिकारी का कहना है कि कनार पुल टूटने की सूचना मिली है। मामला उनके संज्ञान में है। क्षेत्र में बीते रोज भारी बारिश हुई थी। इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता और ठेकेदार से जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।