केदारनाथ यात्रा: इन साधुओं से कुछ सीखें, ये उठा रहे हैं आपके द्वारा फेंका गया कचरा
यह गंदगी केदारनाथ की सुंदरता को खराब कर रही है। ऐसे में धाम को साफ रखने का जिम्मा वहां पर मौजूद साधु-संतों ने ले लिया है।
May 17 2022 6:56PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
केदारनाथ धाम यात्रा का आगाज होते ही भारी संख्या में पर्यटक बाबा केदार के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से आ रहे हैं। धाम में पर्यटकों की भारी भीड़ लग रखी है।
saints are picking up garbage in Kedarnath
इस कदर श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं जिसके बारे में अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था। नहीं आती हो के बढ़ने से केदारनाथ धाम के आसपास कूड़ा कचरा भी काफी हो गया है। भारी संख्या में यात्रियों के आने से पर्यटन व्यवसायी, होटल कारोबारी खाने पीने की दुकान एवं रेस्टोरेंट और ढाबे चलाने वाले लोगों का काम बढ़ गया है। जिस वजह से केदारनाथ के आसपास में कूड़ा कचरा इकट्ठा हो रहा है और यह गंदगी केदारनाथ की सुंदरता को खराब कर रही है। ऐसे में धाम को साफ रखने का जिम्मा वहां पर मौजूद साधु-संतों ने ले लिया है। केदारनाथ धाम में साधु-संत पैदल मार्ग व पड़ावों पर आसपास गिरे प्लास्टिक के कचरे को हटाने का कार्य कर रहे हैं। कुछ यात्री व युवा भी इसमें सहयोग कर रहे हैं।
धाम के आसपास रामानंद आश्रम के ललित महाराज ने सभी के सहयोग से प्लास्टिक हटाने की मुहिम शुरू की है। केदारनाथ में भारी भीड़ होने से कचरा भी बढ़ रहा है। पुराने पैदल मार्ग में लोग प्लास्टिक की खाली बोतलें, बिस्कुट नमकीन के रैपर फेंक रहे हैं। वहां से करीब 50 किलो कचरा हटाया गया। धाम में पुराना घोड़ा पड़ाव, भैरव मंदिर, केदारपुरी नगरी और बेस कैंप में प्लास्टिक का कचरा एकत्र हो रहा है। बता दें कि गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक इस बार सैकड़ों दुकानें संचालित हो रही हैं। यात्रियों की भी भारी भीड़ आ रही है, जिससे कई स्थानों पर प्लास्टिक से गंदगी बढ़ गई है। ऐसे में प्लास्टिक हटाने की मुहिम रामानंद आश्रम ने पुराने घोड़ा पड़ाव से शुरू की है। इसमें अन्य साधु-संतों ने भी सहयोग किया गया। इस मुहिम के तहत केदारनाथ मंदिर से साढ़े तीन किमी आगे चोराबाड़ी ताल से करीब 20 किलो प्लास्टिक हटाया गया। यहां भी कई स्थानों पर प्लास्टिक की बोतलें साफ की गईं। उसके बाद भैरव मंदिर की तरफ से प्लास्टिक कचरा हटाने का कार्य किया गया। इस कार्य में कई युवाओं और साधु महात्माओं ने भी सहयोग दिया। ।