देहरादून में कार, बाइक वाले जरा सावधान..कहीं आपके वाहन में फर्जी नंबर प्लेट तो नहीं लगी?
देहरादून में पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाने का काम बंद हुआ तो शातिर ठगों ने अपने लिए मौका तलाश लिया। देखिए देहरादून में क्या हो रहा है।
May 18 2022 8:09PM, Writer:कोमल नेगी
सरकार नया नियम लाती है तो जालसाज भी ठगी के नए-नए तरीके इजाद कर लेते हैं।
fraud high security number plate in dehradun
अब उत्तराखंड में ही देख लें, यहां पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाने का काम बंद हुआ तो शातिर ठगों ने अपने लिए मौका तलाश लिया। देहरादून में फर्जी हाई सिक्योरिटी प्लेट बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। जो कि दावा कर रहा है कि उनकी बनाई प्लेट हर राज्य में मान्य होगी। फर्जी प्लेट के लिए तीन गुना ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं। एक मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक जालसाज दो तरह की नंबर प्लेट बनवाने का दावा करते हैं। एक नंबर प्लेट वो है जिसे लोकल में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 700 रुपये मांगे जा रहे हैं। जबकि एक प्लेट एचएसआरपी की तरह है, जिस पर मोनोग्राम और लेजर नंबर लिखा होता है। इस तरह की नंबर प्लेट के लिए 1200 से 1300 रुपये मांगे जा रहे हैं। प्लेटों पर लेजर सीरीज नंबर दूसरे राज्य का है, जो कि अवैध है।
बाहर बन रही हाई सिक्योरिटी प्लेट को देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि यह फर्जी है। इसे केवल लेजर नंबर से पकड़ा जा सकता है। यहां आपको नंबर प्लेट बनाने की प्रक्रिया भी बताते हैं। पुराने वाहनों में नंबर प्लेट बनाने के लिए वाहन की आरसी और बीमा चाहिए। आरटीओ दफ्तर में 40 रुपये की फीस जमा की जाती है। दून में 245 रुपये दोपहिया वाहन और 424 रुपये छोटे हल्के मोटर वाहन की फीस तय है। बता दें कि वाहनों पर हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाना अनिवार्य है। देहरादून में पुराने वाहनों में प्लेट लगाने वाली कंपनी का अनुबंध दिसंबर में खत्म हो गया है। विभाग ने दोबारा अनुबंध नहीं किया। इसी का फायदा उठाकर गिरोह सक्रिय है। उत्तराखंड में करीब आठ लाख वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जानी हैं। वहीं मामले को लेकर आरटीओ (प्रवर्तन), सुनील शर्मा ने कहा कि आरटीओ ऑफिस में पुराने वाहनों में एचएसआरपी का काम बंद है। अगर कोई फर्जी नंबर प्लेट बना रहा है तो केस किया जाएगा।