उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री जी! ये देखिए उत्तराखंड की जुगाड़ू स्वास्थ्य व्यवस्था..शर्मनाक है
अस्पताल में एक्सरे की व्यवस्था नहीं थी। हड्डी रोग विशेषज्ञ भी नहीं है, ऐसे में डॉक्टरों ने जुगाड़ लगाया और बच्ची का हाथ गत्ते में पैक कर दिया।
May 24 2022 11:00AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है। हर पांच साल में सरकारें बदलती हैं, लेकिन अस्पतालों के हाल नहीं बदलते।
doctor tied girls hand with cardboard in pauri
कहीं अस्पताल नहीं है, जहां अस्पताल है, वहां डॉक्टर नहीं है। इलाज के अभाव में लोग सड़कों पर दम तोड़ जाते हैं। इन तमाम अव्यवस्थाओं के बीच सोशल मीडिया पर सरकार को आईना दिखाती एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में स्कूल में पढ़ने वाली एक बच्ची दिखाई दे रही है। जिसके हाथ में सफेद पट्टी बंधी है और हाथ एक गत्ते के अंदर है। बताया जा रहा है कि तस्वीर पौड़ी के रिखणीखाल की है, पौड़ी वही जिला है, जहां से अपने स्वास्थ्य मंत्री आते हैं। बताया जा रहा है कि अस्पताल में एक्सरे की व्यवस्था नहीं थी। हड्डी रोग विशेषज्ञ भी नहीं है, ऐसे में डॉक्टरों ने जुगाड़ लगाया और बच्ची का हाथ गत्ते में पैक कर दिया। आप तस्वीर में खुद देख लें कि उत्तराखंड में हाथ में फ्रैक्चर का कैसा नायाब इलाज हो रहा है। इस तस्वीर को देखकर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत समझी जा सकती है।
बीते दिनों प्रदेश के दौरे पर आए पीएम नरेंद्र मोदी कह गए कि सदी का अगला दशक उत्तराखंड का होगा, लेकिन जिस राज्य में टूटी हड्डी का इलाज गत्ता बांधकर हो रहा हो, वहां ये कैसे संभव होगा, ये नहीं बताया। प्रदेश के दूरस्थ गांवों में स्थित अस्पतालों के तो बुरे हाल हैं ही, जिला अस्पतालों में भी इलाज के माकूल इंतजाम नहीं हैं। अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में आईसीयू है, लेकिन आईसीयू का संचालन करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर और अन्य स्टाफ नहीं है। इसी तरह हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के प्रमोशन के बाद उनके रिलीव होने से वहां स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। बताया जा रहा है कि नौ में से सात डॉक्टरों को रिलीव कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के आधे से ज्यादा पद खाली हैं। रेडियोलॉजी विभाग में विशेषज्ञ नहीं है, जिस वजह से अल्ट्रासाउंड तक नहीं हो पा रहे। सरकारी अस्पतालों की बदहाली के चलते मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।