उत्तराखंड: 5 जिलों के कई स्कूल क्लास में छात्र एक भी नहीं, शिक्षकों पर हो रहे हैं लाखों खर्च
एलटी और प्रवक्ता कैडर के शिक्षक नियुक्त कर सरकार इन पर हर महीने 60 से 90 हजार तक वेतन खर्च कर रही है, लेकिन इसका कोई लाभ ही नहीं मिल रहा।
May 27 2022 8:21PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों का गजब हाल है। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चे पढ़ना चाहते हैं, लेकिन स्कूल में शिक्षक नहीं है।
Lakhs of rupees spent unnecessarily on teachers
शिक्षक न होने की वजह से बच्चे संबंधित विषय में फेल हो जाते हैं, तो वहीं कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां बिना छात्रों के शिक्षक जमे हुए हैं। लाखों का खर्च हो रहा है, लेकिन नतीजा शून्य है। देहरादून से लेकर चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी समेत दूसरे जिलों का यही हाल है। उदाहरण के लिए दून के राजकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल मलारी को देख लें, यहां काष्ठकला का एक भी छात्र नहीं है, लेकिन यहां एलटी कैडर के शिक्षक को नियुक्त किया गया है। इसी तरह पौड़ी के जीआईसी स्यूंसी के कृषि विज्ञान विषय में भी छात्र संख्या जीरो है, लेकिन यहां भी शिक्षक लंबे समय से तैनात हैं। कई विषय ऐसे हैं, जिनमें छात्र न होने के बावजूद शिक्षकों को तैनाती दी जा रही। एलटी और प्रवक्ता कैडर के शिक्षक नियुक्त कर सरकार इन पर हर महीने 60 से 90 हजार तक वेतन खर्च कर रही है, लेकिन उसका कोई लाभ ही नहीं मिल रहा। बताया जा रहा है कि जिन स्कूलों में इनके विषयों के छात्र हैं, वहां कई जगह शिक्षक ही नहीं हैं। ऐसे में इन शिक्षकों को वहां पर तैनाती दी जानी चाहिए। अपने विषय में छात्र नहीं होने से ये शिक्षक दूसरे विषयों की पढ़ाई में सहायता कर रहे हैं। चलिए अब उन जिलों के बारे में जान लेते हैं, जहां छात्र न होने पर भी एलटी शिक्षकों को तैनाती दी गई है। आगे पढ़िए
देहरादून में रितेश चौहान, प्रमोद सेमवाल, चमोली में निरंजन प्रसाद डिमरी, पौड़ी में रीना, रिंकी, सिद्धार्थ सिंह रावत, मुकुंद वल्लभ पांडे, अरविंद कुमार, श्याम सुंदर सिंह नेगी, अनूप सिंह रावत, रुद्रप्रयाग में जितेंद्र कुमार सैनी, टिहरी में ऋषिराम उनियाल, शालिनी ममगांई, गुलजार अली, प्रवीण कुमार, राजीव गौतम और उत्तरकाशी में ओमपाल सिंह सैनी शिक्षक के तौर पर तैनात हैं, लेकिन छात्र संख्या शून्य है। इसी तरह प्रवक्ता के तौर पर चमोली में देवेंद्र सिंह कुंवर, पौड़ी में कंचन लिंगवाल, शिव कुमार सिंह, अखिलेश कुमार, अंशु असवाल, अशोक कुमार काला, मनमोहन चौहान, ललित मोहन बहुगुणा, ललित मोहन ध्यानी, विनय मोहन डबराल, विनीता रावत, रुद्रप्रयाग में अरविंद बेंजवाल, टिहरी में राजेंद्र प्रसाद सिंघल, अरविंद कुमार, नेहा रावत, उत्तरकाशी में मनोज कुमार, देवेंद्र सजवाण और प्यारेलाल सेवारत हैं, लेकिन इनके पास भी छात्र संख्या जीरो है। गढ़वाल मंडल अपर निदेशक-माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट की ओर से जारी लिस्ट में यह तस्वीर सामने आई है। उधर, मामले को लेकर डीजी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि ऐसे सभी स्कूलों और शिक्षकों को चिह्नित कर दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जा रहा है। इसके निर्देश दे दिए गए हैं।