उत्तराखंड में गरीबों के हिस्से का राशन खा रहे थे 1.21 लाख लोग, शुरु हुए धड़ाधड़ सरेंडर
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इन दिनों ऐसे राशनकार्ड धारकों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग अपने राशनकार्ड सरेंडर कर रहे हैं।
May 31 2022 7:15PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
प्रदेश में फर्जी और अपात्र राशनकार्ड धारकों के खिलाफ इन दिनों जोरों शोरों से अभियान चलाया जा रहा है।
uttarakhand fake ration card surrender
इस अभियान के तहत अब तक 30 हजार से अधिक राशनकार्डों की एक लाख 21 हजार से अधिक यूनिट सरेंडर की जा चुकी हैं। इनमें से छह हजार से अधिक ऐसे परिवारों के राशनकार्ड हैं, जिनकी वार्षिक आय पांच लाख से अधिक है। दरअसल खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इन दिनों अपात्र राशनकार्ड धारकों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग अपने राशनकार्ड सरेंडर कर रहे हैं। विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 30,458 राशनकार्ड सरेंडर हो चुके हैं। इसमें 6147 राशनकार्ड एसएफआई, 2927 अंत्योदय और 21384 प्राथमिक परिवारों के हैं। सबसे अधिक फर्जी राशनकार्ड देहरादून जिले से बरामद किए गए हैं जबकि सबसे कम फर्जी राशनकार्ड रुद्रप्रयाग जिले के हैं। सबसे अधिक 6309 देहरादून जिले के हैं। जबकि सबसे कम 327 रुद्रप्रयाग जिले के हैं। इसके अलावा 6193 राशनकार्ड ऊधमसिंहनगर जिले में सरेंडर हुए हैं। पौड़ी गढ़वाल में 3868, चमोली में 936, उत्तरकाशी में 351, टिहरी गढ़वाल में 1609, हरिद्वार में 4940, नैनीताल में 2767, चंपावत में 634, बागेश्वर में 542, अल्मोड़ा में 371 और पिथौरागढ़ जिले में 1611 राशनकार्ड सरेंडर हुए हैं।