image: Big disclosure on daily allowance of Uttarakhand cricketers

शर्मनाक: उत्तराखंड के क्रिकेटर्स का दैनिक भत्ता मजदूरों से भी कम! न्यूज रिपोर्ट्स में हुआ बड़ा खुलासा

गुरुवार को हर तरफ उत्तराखंड की हार की चर्चा हो रही थी, लेकिन जरा उन खिलाड़ियों की हालत के बारे में सोचिए जो मैदान में उतरने से पहले ड्रेसिंग रूम में भूख से तड़प रहे थे।
Jun 10 2022 8:29PM, Writer:कोमल नेगी

रणजी ट्रॉफी में गुरुवार को उत्तराखंड की जो हार हुई वो मुंबई के लिए शानदार और उत्तराखंड के लिए शर्मनाक रिकॉर्ड बन गई। मैच में मुंबई ने उत्तराखंड की टीम को 725 रनों से हराकर सबसे बड़ी जीत का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। उधर उत्तराखंड की टीम पहले 114 और फिर 69 रन ही बना सकी।

daily allowance of Uttarakhand cricketers

गुरुवार को हर तरफ उत्तराखंड की हार की चर्चा हो रही थी, लेकिन जरा उन खिलाड़ियों की हालत के बारे में सोचिए जो मैदान में उतरने से पहले ड्रेसिंग रूम में भूख से तड़प रहे थे, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें दैनिक भत्ता यानी डीए नहीं मिला था। हैरानी की बात ये है कि इन खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रूप में सिर्फ 100 रुपये रोजाना दिए जाते हैं, जो कि एक मजदूर के दैनिक भत्ते से भी कम है। क्वार्टर फाइनल में उतरने से पहले टीम को भूख से जूझना पड़ा। टीम मैनेजर से डीए के बारे में पूछने पर जवाब मिला ‘अरे क्यों बार-बार ये सवाल पूछते हो, भाई? पैसे आ जाएंगे, तब तक आप स्विगी या जमैटो से मंगवा लीजिए ना…’ तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में उत्तराखंड की क्रिकेट टीम को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। आगे पढ़िए

न्यूज 18 की रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड के हर सीनियर खिलाड़ी के लिए 1500 रुपये दैनिक भत्ता तय है, जो बढ़ाकर 2000 रुपये हो गया था, लेकिन हकीकत ये है कि पिछले एक साल में क्रिकेटरों को औसतन प्रतिदिन 100 रुपये बमुश्किल मिल सके हैं। उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन पर टीम सेलेक्शन से लेकर फंड के प्रबंधन तक को लेकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। 31 मार्च 2021 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (CAU) ने जो ऑडिट रिपोर्ट दी थी, उस पर खिलाड़ियों ने ऐतराज भी जताया था। उनका कहना था कि खिलाड़ियों को मैच फीस या दैनिक भत्ते पूरे नहीं दिए गए। उधर सीएयू ने ‘टूर्नामेंट और ट्रायल कैंप खर्च’ सेक्शन में फूड और कैटरिंग पर 1,74,07,346 रुपये, केले खरीदने पर 35 लाख रुपये और पानी की बोतलों पर 22 लाख रुपये खर्च करने का दावा किया, लेकिन खिलाड़ियों को डीए के तौर पर सिर्फ सौ रुपये दिए। खिलाड़ियों ने प्रबंधन पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप भी लगाए हैं। ये हाल उस राज्य का है, जहां के मुख्यमंत्री खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के दावे करते नहीं थकते, लेकिन इन दावों की हकीकत गुरुवार को उत्तराखंड की हार के रूप में सामने आ गई। रणजी में उत्तराखंड की शर्मनाक हार वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गई, ये सचमुच दिल तोड़ने वाला अनुभव है।


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