भारत की तीनों सेनाओं में कब होगी ‘अग्निवीरों’ की भर्ती? 2 मिनट में पढ़िए पूरी डिटेल
भारतीय सेना ने साफ कर दिया है कि अग्निपथ योजना जारी रहेगी। यही नहीं उपद्रवियों को इसमें भर्ती नहीं दी जाएगी।
Jun 20 2022 2:26PM, Writer:कोमल नेगी
अब एक खबर उन युवाओं के लिए, जो अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन का हिस्सा बन रहे हैं।
Agniveer Recruitment 2022 in army navy air force
भारतीय सेना ने साफ कर दिया है कि योजना जारी रहेगी। यही नहीं उपद्रवियों को इसमें भर्ती नहीं दी जाएगी। सेना की ओर से विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा गया कि अभ्यर्थी को नियुक्ति से पहले हिंसा और आगजनी में शामिल नहीं होने का हलफनामा देना होगा। भारतीय सेना की ओर से अग्निवीरों की भर्ती के लिए सेवा शर्तों की जानकारी साझा की गई है। तीनों सेनाओं की ओर से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तारीखों का ऐलान किया गया है। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि सभी अग्निवीरों को आम जवानों की तरह फायदे मिलेंगे। थलसेना की भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी। वहीं वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी, जबकि नौसेना की भर्ती प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी। एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 24 जून को शुरू होगी और ऑनलाइन परीक्षा का चरण 24 जुलाई से आरंभ होगा। आगे पढ़िए
पहले बैच का प्रशिक्षण 30 दिसंबर तक आरंभ होने की उम्मीद है। वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि नौसेना में भर्ती का व्यापक दिशा-निर्देश 25 जून को जारी होगा और पहला अग्निवीर प्रशिक्षण कार्यक्रम में 21 नवंबर को शामिल होगा। इस भर्ती में लैंगिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा। इसी तरह थलसेना 1 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी करेगी। अग्निवीरों की तैनाती 4 साल के लिए होगी। तैनाती के दौरान तय वेतन के अलावा जोखिम, राशन, यात्रा और वर्दी भत्ता लागू नियमों के तहत दिया जाएगा। अग्निवीरों की छुट्टी संगठन की जरूरत पर निर्भर होगी। हालांकि सालाना 30 दिन की छुट्टी स्वीकृत की जाएगी। सिक लीव भी मिलेगी। रिस्क, ट्रैवल, ड्रेस और हार्डशिप अलाउंस मिलेगा। हर महीने 30 हजार की सैलरी मिलेगी। चार साल बाद अग्निवीरों को 10.04 लाख रुपये सेवा निधि के तौर पर मिलेंगे। शहादत पर परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ की राशि मिलेगी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी के अनुसार सरकार योजना का विश्लेषण करने के लिए 46 हजार जवानों की भर्ती से शुरुआत कर रही है। अगले 4-5 वर्षों में यह संख्या सालाना 50-60 हजार और फिर 90 हजार से एक लाख तक पहुंचेगी।