image: 1 kilometer long lake formed due to landslide in Bageshwar

उत्तराखंड के लिए बड़े खतरे का सिग्नल, यहां भूस्खलन से बनी 1 किलोमीटर लंबी झील

खतरे की बात ये है कि भूस्खलन और झील की वजह से पहाड़ी पर स्थित गांव धीरे-धीरे नीचे की ओर खिसक रहा है। ये झील भविष्य में बड़ा खतरा बन सकती है।
Jun 26 2022 8:18PM, Writer:कोमल नेगी

प्राकृतिक आपदा के लिहाज से उत्तराखंड राज्य बेहद संवेदनशील है।

lake formed due to landslide in Bageshwar

केदारनाथ आपदा और चमोली के रैणी क्षेत्र में झील टूटने के बाद आई तबाही का मंजर भला कौन भूल सकता है। इन आपदाओं के निशान अब तक हरे हैं। दोनों घटनाओं में सैकड़ों-हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। अब एक चिंता बढ़ाने वाली खबर बागेश्वर से आई है। यहां वैज्ञानिकों को कुवारी गांव के पास एक झील मिली है, जो कि भूस्खलन की वजह से बनी है। झील की लंबाई करीब एक किलोमीटर और चौड़ाई 50 मीटर है। दरअसल वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इस समय पिंडारी ग्लेशियर में प्रस्तावित रीवर लिंकिंग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। परियोजना के जमीनी सर्वेक्षण के दौरान विशेषज्ञों को यहां एक वी-शेप की झील मिली। जो कि कुवारी गांव के पास स्थित है। आगे पढ़िए

कुवारी गांव 1,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अधिकारियों के मुताबिक साल 2013 और 2019 में इस क्षेत्र में भूस्खलन हुआ था, जिसकी वजह से गांव के पास झील बन गई है। खतरे की बात ये है कि भूस्खलन और झील की वजह से पहाड़ी पर स्थित गांव धीरे-धीरे नीचे की ओर खिसक रहा है। झील पिंडर नदी के प्राकृतिक प्रवाह को भी बाधित कर रही है, यह नदी चमोली के कर्णप्रयाग में अलकनंदा में मिल जाती है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल झील से कोई खतरा नहीं है। झील में पानी वर्तमान में स्वाभाविक रूप से बह रहा है, लेकिन इससे बाद में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ सकती है, जिससे पिंडर और अलकनंदा नदियों के पास मौजूद बस्तियों को बड़ा नुकसान हो सकता है।


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